छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की दो प्रतिभाशाली महिला खिलाड़ियों—शोभा धाकरे और नीता नेताम—ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मेहनत, इच्छाशक्ति और निरंतरता के आगे कोई बाधा बड़ी नहीं होती। भूटान में 14 से 16 नवंबर तक आयोजित इंटरनेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दोनों खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। उनकी इस उपलब्धि से भारत, छत्तीसगढ़ और पूरा बस्तर गर्व से झूम उठा है।

कई देशों के बीच दमदार मुकाबला
इस प्रतियोगिता में भारत के साथ-साथ भूटान, नेपाल और श्रीलंका सहित कई देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
दोनों खिलाड़ियों ने कुल 260 किलोग्राम वजन उठाकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी ताकत, फिटनेस और अनुशासन का शानदार प्रदर्शन किया।
घर की जिम्मेदारियों से अंतरराष्ट्रीय मंच तक—महिलाओं की नई पहचान
शोभा धाकरे और नीता नेताम का सफर प्रेरणादायक है।
दोनों खिलाड़ियों ने रोजमर्रा की जिम्मेदारियों, घरेलू कामों और रोजगार संभालते हुए कठिन अभ्यास किया और दुनिया को दिखा दिया कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का लोहा मनवा सकती हैं।
खेल के साथ रोजगार—दोनों ही मोर्चों पर सफल
- शोभा धाकरे: कोंडागांव में ब्यूटी पार्लर चलाती हैं।
- नीता नेताम: खुद की बेकरी संचालित करती हैं और एक सफल उद्यमी के रूप में जानी जाती हैं।
दोनों ने अपने काम और खेल के बीच अद्भुत संतुलन बनाते हुए यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।

‘मेन ऑफ स्टील जिम’ ने निखारी खिलाड़ियों की प्रतिभा
इस सफलता के पीछे खिलाड़ियों की मेहनत के साथ-साथ कोंडागांव स्थित मेन ऑफ स्टील जिम की टीम का बड़ा योगदान रहा।
- ट्रेनर: मयंक पटेल
- मैनेजर: विष्णु पम्मार
- जिम ओनर: उल्लास भंज
इनके निरंतर मार्गदर्शन ने शोभा और नीता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
खिलाड़ियों की प्रोफाइल
शोभा धाकरे
- उम्र: 45 वर्ष
- बॉडी वेट: 62 किग्रा
- निवासी: फॉरेस्ट कॉलोनी (नाका), कोंडागांव
- उपलब्धि: 4 स्टेट और 1 नेशनल प्रतियोगिता में भागीदारी; यह पहला इंटरनेशनल गेम और सीधे गोल्ड मेडल, इतिहास रचा।
नीता नेताम
- उम्र: 31 वर्ष
- बॉडी वेट: 64.58 किग्रा
- निवासी: शहीद भगत सिंह वार्ड 18, सरगीपाल पारा, कोंडागांव
जिले में उत्सव का माहौल
इस ऐतिहासिक सफलता से पूरा कोंडागांव जिला उत्साह और गर्व से भर उठा है।
स्थानीय लोगों, खेलप्रेमियों और जिम सदस्यों ने दोनों खिलाड़ियों को बधाइयाँ दीं और कहा कि शोभा और नीता आने वाली पीढ़ियों—विशेषकर बेटियों—के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।