Indravati Tiger Reserve : इंद्रावती टाइगर रिजर्व : विस्थापन के लिए प्रथम चरण में 21 गांवों का चयन

Indravati Tiger Reserve :

Indravati Tiger Reserve : इंद्रावती टाइगर रिजर्व: विस्थापन के लिए प्रथम चरण में 21 गांवों का चयन

Indravati Tiger Reserve : बीजापुर !  छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टायगर रिजर्व के कोर एरिया के अंतर्गत 76 गांवों से विस्थापन के लिए प्रशासनिक तौर पर प्रथम चरण में 21 गांवों का चयन किया गया है।


इन 21 ग्रामों के स्वेच्छा पूर्वक विस्थापन चाहने वाले परिवारों को शासन के विस्थापन योजना का लाभ पहुंचाने एवं बाघ प्रबंधन की संरक्षण व संवर्धन के लिए ग्रामवार सर्वे करने एवं ग्रामवासी को आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि निर्धारित की गई है। इसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।


उक्त बातें यहां कलेक्ट्रेट के इंद्रावती कक्ष में जिला प्रशासन और वन विभाग तथा इंद्रावती टाईगर रिजर्व के आला अधिकारियों ने पत्र वार्ता आयोजित कर कही है।

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प्रेस वार्ता में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक संदीप बलगा ने बताया कि पूर्व में सर्वे एवं आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि गत 23 अगस्त तय किया गया था, इस तिथि को संशोधित कर अब एक सितंबर 2025 तक किया गया है। एक सितंबर 2025 तक व्यस्क व्यक्ति जिसकी भी आयु 18 वर्ष पूर्ण हो निर्धारण करने के लिए तय किया गया है।

आईटीआर इलाके के विस्थापित परिवार के प्रत्येक बालिग सदस्य को 15-15 लाख रुपए देने अथवा कहीं और मूलभूत सुविधाओं के साथ बसाहट की योजना बनाई गई है।

जिलाधिकारी संबित मिश्रा ने बताया कि 21 गांव में रहने वाले ग्रामवासी अपने स्वेच्छानुसार विस्थापन नहीं होते हैं तो शासन को किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं होगी।

उन्होंने बताया कि टाइगर रिजर्व इलाके में बहुत से ऐसे गांव है जो वीरान हैं अथवा बहुत कम परिवार निवासरत हैं। ग्रामीणों की स्वेक्षा पर निर्भर है कि वे विस्थापन का मुआवजा लें या नहीं लें।


वन मंडलाधिकारी (सामान्य) राम कृष्णा ने कहा कि पहले चरण में चयनित 21 गांव में ज्यादातर वीरान गांव शामिल हैं जिसमें से कई परिवार सलवा जुड़ूम के दौरान गांव छोड़ चुके हैं तो कई नक्सल पीड़ित परिवार भी हैं जो अपना सब कुछ छोड़ कर कहीं और निवासरत हैं। ऐसे परिवारों के आवेदन आने शुरू हो गए हैं।

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Indravati Tiger Reserve : इस दौरान एसडीएम जागेश्वर कौशल, आईटीआर अधिकारी एवं प्रभावित गांव पेनगुंडा के ग्रामीण भी मौजूद थे।

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