Indore News 300 करोड़ रुपए कीमत की जमीन की जांच में भी घिर गए हैं टीआई भदौरिया
Indore News इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंची एक शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच के टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया को गत दिवस निलंबित कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर ने निलंबन आदेश जारी कर भदौरिया को लाइन अटैच किया है।
Indore News पहली बार है कि ऐसे संगठित अपराध में शिकायत सीएम को हुई। सीएम की जीरो टॉलरेंस नीति यहां दिखी और कार्रवाई हुई। टीआई भदौरिया 300 करोड़ रुपए कीमत की जमीन की जांच में भी घिर गए हैं। वे अफसरों को बताए बिना खुद ही कारोबारी और बिल्डरों को नोटिस देने लगे थे। कुछ मामले जब सांसद शंकर लालवानी तक पहुंचे तो उन्होंने सीएम को शिकायत की।
Indore News इंदौर के उद्योगपति जंबू भंडारी और उनके पुत्र श्रेयांश को लगातार प्रताडि़त किया जा रहा था। भदौरिया का दबाव था कि ओल्ड पलासिया स्थित संपत्ति किसी संजीव दुबे के नाम पर कर दी जाए, जिसने फर्जी दस्तावेज बनवा रखे हैं।
Indore News इसमें एक बोगस एफआईआर विजयनगर थाने में हुई। सूत्र बताते हैं कि इस काम में इंदौर पुलिस के पूर्व सीएसपी भी इनसे जुड़े थे। इन पूर्व सीएसपी का भी दतिया से कनेक्शन था। रिटायर होने के बाद पूर्व सीएसपी एक कंसलटेंसी फर्म चलाते हैं। बड़े बिल्डरों से की गई अवैध वसूली को भदौरिया और यह पूर्व सीएसपी आपस में बांट लते थे। जानकारी के अनुसार निलंबित टीआई भदौरिया ने दतिया से लगभग 10-15 लोगों को इंदौर बुला लिया था।
Indore News इनका विभाग से कोई लेना-देना नहीं था। ये लोग भदौरिया के लिए काम करते थे। भदौरिया ने अपनी इस प्राइवेट टीम को करीब 30 लोगों की लिस्ट दी थी। यह टीम इन लोगों से जुड़े मामले ढूंढती थी और दबाव बनाकर पैसा वसूली का काम करती थी। जानकारी के अनुसार भदौरिया का सीधा संबंध भाजपा के एक बड़े नेता से है जो वर्तमान में प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं। भदौरिया उस मंत्री के नाम से ही बिल्डरों को धमकता था और पैसा वसूलता था।
Indore News इन मामलों में वह अपने उच्च अधिकरियों की बात भी नहीं मानता था। भदौरिया पूरी रिपोर्ट इस मंत्री को ही देता था। शिकायतों के चलते अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) राजेश हिंगणकर ने जुलाई में भदौरिया को लाइन अटैच कर यिदा था। इसके बाद एक हफ्ते बाद ही पुलिस आयुक्त के मौखिक आदेश से टीआई फिर क्राइम ब्रांच थाना लौट आए थे।
इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और उपायुक्त को रिपोर्टिंग करना बंद कर दी थी। अपने से वरिष्ठ अधिकारियों से अभद्रता करने के कारण ही भदौरिया को लाइन अटैल किया गया था। 28 जून को क्राइम ब्रांच में हिमांशु पाठक, शुभा, वसुंधरा, रेखा पटेल, कुशल पटेल, अर्पित बनकर, दिलीप राठौर के खिलाफ 40 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। प्रकरण खरगोन का होने के बाद भी घटनास्थल गोपुर चौराहे का दर्शा कर टीआई ने सीधे एफआईआर कर ली। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने एसपी स्तर के अफसर को जांच सौंपी एक और केस का खात्मा लगवाया। सुपर कॉरिडोर (छोटा बांगड़दा) स्थित करोड़ों रुपए की जमीन को लेकर भी टीआई विवादों में रहे।
अफसरों की बगैर मंंजूरी के सुनील अवस्थी, जितेन्द्र और नितिन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। आरोपियों ने हाई कोर्ट में एक रिकार्डिंग पेश कर बताया कि टीआई ने उन्हें धमकाया था। इस मामले में भी पुलिस आयुक्त को शिकायत की गई। सबसे ताजा मामला निपानिया क्षेत्र की 300 करोड़ से ज्यादा कीमती जमीन का है।
थाना प्रभारी ने इस मामले में एक बिल्डर को नोटिस जारी कर दिया था जो कद्दावर नेता का रिश्तेदार है। नेता ने इस मामले में टीआई से बैठक की और हल निकालने की सलाह दी। टीआई द्वारा दोबारा नोटिस देने पर मामला गर्माया और मुख्यमंत्री को शिकायत की गई।