इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से इंदौर एयरपोर्ट को बड़ा नुकसान, पांच दिनों में दो करोड़ से अधिक की चपत



इंदौर. इंडिगो की लगातार उड़ानें रद्द होने का असर न केवल यात्रियों पर, बल्कि इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी की आय पर भी पड़ा है। देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट को बीते पांच दिनों में करीब दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उड़ानें निरस्त होने से होटल, पर्यटन और टैक्सी उद्योग के साथ-साथ एयरपोर्ट की राजस्व व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने का सिलसिला अब भी जारी है और पिछले दो दिनों से रोज एक से दो उड़ानें रद्द हो रही हैं।

जानकारी के अनुसार, इंदौर एयरपोर्ट से रोजाना करीब 12 से 14 हजार यात्री यात्रा करते हैं, जिनमें आधे आगमन और आधे प्रस्थान करने वाले होते हैं। इंदौर से संचालित उड़ानों में इंडिगो का नेटवर्क सबसे बड़ा है और यहां की आधे से अधिक उड़ानें इसी एयरलाइन पर निर्भर हैं। 4 से 8 दिसंबर के बीच इंडिगो की कई उड़ानें प्रभावित रहीं, जिससे इन दिनों में यात्रियों की औसत संख्या 40 से 45 प्रतिशत तक घट गई।

5 दिसंबर को स्थिति सबसे गंभीर रही, जब करीब 5 से 6 हजार यात्रियों को उड़ानें रद्द होने के कारण एयरपोर्ट से लौटना पड़ा। इंडिगो ने यात्रियों को टिकट की पूरी राशि वापस कर दी, लेकिन उड़ानें निरस्त होने से एयरपोर्ट अथॉरिटी को मिलने वाला शुल्क लगभग शून्य हो गया, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

इंदौर से किसी भी विमानन कंपनी की टिकट बुकिंग पर यात्रियों से यूजर डेवलपमेंट फीस, रीजनल कनेक्टिविटी चार्ज और एविएशन सिक्योरिटी फीस सहित औसतन 700 रुपये से अधिक शुल्क वसूला जाता है। सामान्य दिनों की तुलना में संकट के दौरान प्रतिदिन करीब 5 से 6 हजार यात्रियों से यह शुल्क नहीं मिल सका, जिससे एयरपोर्ट को रोजाना लगभग 35 से 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ। सूत्रों के अनुसार, पांच दिनों में एयरपोर्ट अथॉरिटी को कुल 1.75 से 2 करोड़ रुपये या उससे अधिक की चपत लगने का अनुमान है।

टैक्सी संचालन से जुड़े ने बताया कि उड़ानें निरस्त होने की जानकारी पहले ही मिलने से कई यात्री एयरपोर्ट पहुंचे ही नहीं, जिससे टैक्सी चालकों को सवारियां नहीं मिलीं। वहीं, पार्किंग शुल्क से होने वाली आय पर भी असर पड़ा। ट्रैवल एजेंटों के अनुसार, इस संकट के चलते बड़ी संख्या में टूर पैकेज और होटल बुकिंग रद्द हुई हैं। होटल प्रबंधन ने क्रेडिट नोट जारी किए हैं, लेकिन इच्छित तारीखों पर दोबारा बुकिंग नहीं हो पाने से पर्यटन और होटल उद्योग को भी नुकसान उठाना पड़ा है।

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