Indian History : भारतीय इतिहास पर पेश किए जाएंगे 24 शोधपत्र

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Indian History: 1600 ईस्वी के बाद के मूल स्रोतों पर आधारित

Indian History : नई दिल्ली । इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर विद्वानों द्वारा भारतीय इतिहास में 1600 ईस्वी के बाद के मूल स्रोतों पर आधारित कुल 24 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (आईएचआरसी) ने इसके लिए एक खास सत्र का आयोजन किया है। इस सत्र में विद्वानों द्वारा भारतीय इतिहास में 1600 ईस्वी के बाद के मूल स्रोतों पर आधारित कुल शोधपत्रों के जरिए इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी जा रही है।

Indian History : केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, आईएचआरसी का 63वां सत्र उत्तर प्रदेश में रखा गया है। यहां आईएचआरसी के 63वें सत्र का आयोजन 18-19 दिसंबर, 2022 को राज्य अभिलेखागार, लखनऊ में है। सत्र के दौरान भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के संग्रह से मूल अभिलेखीय स्रोतों के आधार पर ‘स्वतंत्रता की गाथा, ज्ञात और अल्पज्ञात संघर्ष’ नामक एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

Indian History : भारत सरकार के राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक और भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति के सचिव चंदन सिन्हा अभिलेखागार के विकास पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय का कहना है कि भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (आईएचआरसी) अभिलेखों के रचनाकारों, संरक्षकों और उपयोगकर्ताओं का एक अखिल भारतीय मंच है। इसकी स्थापना 1919 में अभिलेखों के प्रबंधन और ऐतिहासिक अनुसंधान के लिए उनके उपयोग से जुड़े सभी मुद्दों पर भारत सरकार को सलाह देने के लिए की गई थी।

Indian History : नई दिल्ली स्थित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (1911 में भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति के तौर पर फिर से नामित) का सचिवालय है। आईएचआरसी की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति मंत्री करते हैं और इसमें 134 सदस्य शामिल हैं, जिनमें भारत सरकार की एजेंसियां, भारत सरकार के नामांकित व्यक्ति, राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों के अभिलेखागार, विश्वविद्यालयों और विद्वान संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हैं। आईएचआरसी ने अब तक 62 सत्र आयोजित किए हैं।

 

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