Indian Air Force : भारतीय वायुसेना बॉयसन को कब कहेगी बॉय बॉय…..जानिए
भारतीय वायुसेना का बॉयसन यानि मिग -21 फाइटर जेट लगातार क्रैश हो रहा है। अब तक कुल 400 विमान क्रैश में 2 सौ से भी ज्यादा बेहद काबिल पॉयलट्स को देश ने खोया है।
कल रात राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतू में फिर एक मिग- 21 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। इसमें मौजूद दोनों पॉलट्स की मौत हो गई।

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मिग- 21 फाइटर जेट को 1962 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। ये विमान रूसी मिकोयान कंपनी ने बनाए थे। कुल मिलाकर भारतीय वायुसेना की रीढ़ इन विमानों को माना जाता है।
इनको बॉयसन यानि वनभैंसा कहा जाता है। भारतीय वायुसेना इन दिनों फाइटर विमानों की कमी से जूझ रही है। अब देश को एक साथ ढाई फ्रंट पर लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।
इसके लिए हमारी तीनों सेनाओं को साज-ओ सामान की जरूरत पड़ेगी। हर बार बॉयसन का ही दोष निकाल कर चुप रहने वाले शायद ये नहीं जानते कि मिग – 21 एक बेहद हाई शेड्यूल्ड एयरक्रॉफ्ट है।

इसमें पॉयलट को एक ही पोजीशन में बैठना होता है। मिग -21 वही विमान है जिससे हमारे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने पाकिस्तानी एफ-16 की कब्र खोद डाली थी।
छह दशक से भी पूराने पड़ चुके विमानों को बदलने की सख्त जरूरत है। वर्तमान समय में चौथी पीढ़ी और पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिकतम विमानों को तमाम देश तैनात कर रहे हैं।
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ऐसे में हमारे देश ने भी फ्रांस से राफेल को मंगवा कर कुछ हद तक तो वायुसेना की मांगों को एक बार पूरा जरूर किया है।
भारत के अत्याधुनिकतम विमान तेजस का उत्पादन भी शुरू हो चुका है। इसकी सेवाएं भी हमारी वायुसेनाएं ले रही हैं। इसको मिग-21 के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।

तेजस को दिनोंदिन अत्याधुनिक बनाया जा रहा है। इस विमान की खूबियों की अगर हम बात करें तो भारत का ये सिंगल इंजन लड़ाकू विमान बेहद सस्ता पड़ता है।
तेजस विमान के सामने चीन के जेएफ -17, रूस के मिग- 35, अमेरिका का एफ-35 भी पानी भरते नजर आएंगे। इन विमानों की खासियत ये भी है कि आज तक एक भी तेजस लड़ाकू विमान अपने ऑपरेशन के दौरान क्रैश नहीं हुआ है। फ्रांस ने इन विमानों में लगाने के लिए हैमर मिसाइलें देनी शुरू कर दी हैं।
भारत बड़ी ही तेजी से तेजस मार्क टू का भी ट्रायल करने जा रहा है। इसके बाद उसका भी उत्पादन शुरू हो जाएगा। मलेशिया ने तमाम देशों के विमानों को छोड़कर भारत के तेजस को पसंद किया है।
इसके अलावा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का एम्का भी जल्दी ही आने वाला है। इस अत्याधुनिकतम विमान की काट दुनिया के तमाम देशों के पास नहीं है। भारत अब वो पहले वाला भारत नहीं रहा।
ये नई सदी का भारत है। जो अपने दमदार विमानों और हथियारों के दम पर अपनी आजादी की रक्षा करना जानता है। चीन- पाकिस्तान की सामरिक चुनौतियों और आधे फ्रंट पर नेपाल को भी मानते हुए अब भारत को कुल ढाई मोर्चों पर लड़ने की क्षमताओं का विकास करना होगा।
ऐसे मे हमारे रणनीतिकारों को चाहिए कि वे सामरिक साज-ओ सामानों की खरीदी- बिक्री में तेजी लाएं। आज भी भारत को आइएनएस विक्रांत के रूप में नया विमानवाही पोत मिला है।
अब हमारे पास दो विमानवाही पोत हो चुके हैं। तीसरा आइएनएस विशाल निर्माणाधीन है। ये दुनिया का सबसे बड़ा विमानवाही पोत है। जो एक बार ईंधन भरने के बाद 20 सालों तक बिना रूके सेवाएं देता रहेगा।
भारत सरकार को चाहिए कि वो अपने देश के वायुसैनिकों की समस्याओं को समझे। स्वदेशी फाइटर जेट तेजस के उत्पादन में तेजी लाए। इनके पास अब सुखोई एसयू 30 एमकेआई का ऑर्डर नहीं है।
वहां पर हमारे इंजीनियर्स अगर तेजस की यूनिट लगाकर काम करेंगे तो हमारी उत्पादन क्षमता काफी हद तक बढ़ जाएगी। इससे हम अपनी वायुसेनाओं की जरूरतों को तो पूरा कर ही सकेंगे।

अपने मित्र देशों को भी इन विमानों का निर्यात कर देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर सकेंगे। इससे एक ओर जहां हमारी वायुसेना मजबूत होगी। वहीं हम बॉयसन को बॉय-बॉय करते हुए अपने पॉलट्स को भी सुरक्षित रख सकेंगे।