वाशिंगटन/नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पूरी करके आज धरती पर सकुशल वापसी की। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री प्रशांत महासागर में सुरक्षित उतरे। इसके साथ ही भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।

कैसे हुई वापसी?
- ड्रैगन कैप्सूल सोमवार शाम 4:45 बजे (भारतीय समयानुसार) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अनडॉक हुआ।
- करीब 19 घंटे की यात्रा के बाद यह मैक्सिको की खाड़ी के नजदीक पानी में उतरा।
- शुभांशु ने ISS पर 18 दिन और कुल 20 दिन अंतरिक्ष में बिताए।
“यह पूरे देश के लिए गौरव का क्षण”
- शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने कहा – “वो वापस आ गए हैं! यह पूरे देश के लिए बहुत गौरव का क्षण है। हम सभी बेहद उत्साहित हैं।”
- उनकी मां आशा शुक्ला ने कहा – “मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। लैंडिंग के समय थोड़ा डर लगा, लेकिन भगवान ने उन्हें सुरक्षित वापस लौटा दिया।”
“भारत ने अंतरिक्ष में बनाया स्थायी मुकाम”
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा – “आज भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में सचमुच एक स्थायी स्थान बना लिया है। यह हम सभी के लिए गौरव का पल है कि हमारा एक सपूत सफल यात्रा करके वापस लौटा है।”
क्या था मिशन?
- शुभांशु NASA और ISRO के संयुक्त मिशन का हिस्सा थे।
- इस दौरान उन्होंने माइक्रोग्रैविटी एक्सपेरिमेंट्स और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़े अहम शोध किए।
- यह मिशन भारत के गगनयान अभियान के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
देशभर में जश्न
- शुभांशु के गृहनगर लखनऊ और उनके स्कूल लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी में खुशी की लहर है।
- #WelcomeBackShubhanshu ट्रेंड कर रहा है, जहां लाखों लोग उनकी सफलता पर बधाइयां दे रहे हैं।
अब क्या?
शुभांशु और उनके साथियों को ह्यूस्टन, टेक्सास ले जाया जाएगा, जहां उनकी मेडिकल जांच होगी। इसके बाद वह भारत लौटेंगे, जहां उनका भव्य स्वागत होगा।
यह मिशन न सिर्फ भारत की अंतरिक्ष क्षमतों का प्रमाण है, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बना है।