India food power of the world भारत विश्व का ‘फूड पावर’ लेकिन कुछ फसलों की पैदावार घटना चिन्ताजनक : रमेश चंद

India food power of the world

India food power of the world कपास का उत्पादन चुनौतीपूर्ण है जिस पर ध्यान देने की जरुरत

India food power of the world नयी दिल्ली । नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने भारत को विश्व का ‘फूड पावर’ बताते हुए आज कहा कि पिछले आठ नौ साल के दौरान कुछ फसलों की पैदावार घट रही है जो चिन्ताजनक है ।

India food power of the world   चंद ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 94 वीं आम सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया के देश चाहते हैं कि उन्हें यहां से निरंतर अनाज मिलता रहे और अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता हो । उन्होंने कहा कि अनाज उत्पादन में आज भारत इस स्थिति में आ गया है कि वह दुनिया का ‘फूड पावर’ बना गया है । मिनरल और मैटल को छोडक़र कृषि से सब कुछ पैदा हो सकता है ।

उन्होंने कहा कि अनाज की पैदावार जनसंख्या की तुलना में तीन गुना अधिक हो रही है । पिछले साल देश में दुनिया का 23 प्रतिशत दूध का उत्पादन हुआ था और उसने इस मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अतित पर गर्व किया जा सकता है और उससे सीखा जा सकता है लेकिन पिछले आठ – नौ साल में बारह फसलों की पैदावार में कमी आ रही है जो चिन्ताजनक है ।

चंद ने कहा कि पूर्व में कपास का उत्पादन तीन करोड़ साठ लाख गांठें होती थी जो अब घटकर तीन करोड़ 30 लाख गांठें हो गई है । कपास एक बड़ा क्षेत्र है जिससे टेक्सटाइल उद्योग जुड़ा है ।

कपास का उत्पादन चुनौतीपूर्ण है जिस पर ध्यान देने की जरुरत है । उन्होंने कहा कि 2014-15 के बाद सोयाबीन का उत्पादन भी घट रहा है । वर्षा आधारित क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है और एक समय इसका 130 गुना उत्पादन बढा था ।

India food power of the world  जर्म प्लाज्म से सोयाबीन का उत्पादन बढा था और अब समय आ गया है कि अमेरिका से जर्म प्लाज्म लाया जाये । वर्ष 1970 में अमेरिका से सोयाबीन का जर्म प्लाज्म लाया गया था।

उन्होंने कहा कि चना के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हो रही है जबकि अरहर और उड़द में कमी आ रही है। इसी तरह सरसों और मूंगफली में भी बेहतर हो रहा लेकिन पिछले आठ – नौ साल में सूरजमुखी की पैदावार आधी हो गई है। मिलेट को लेकर अब लोगों में जागरुकता आई है। यह पैष्टिक है और कम पानी में होता है।

उन्होंने कहा कि 1970 में 24 प्रतिशत मिलेट का उपयोग होता था जो अब घटकर छह प्रतिशत पर आ गया है। मिलेट अब अमीरों का भोजन बन गया है। इसका उत्पादन एक करोड़ 80 लाख टन से घटकर एक करोड़ 60 लाख टन हो गया है।

India food power of the world  उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी बन गया है लेकिन इसे एक निजी कम्पनी ने तैयार किया है । उन्होंने आनुवांशिक रुप से संबर्धित फसलों को तैयार किये जाने पर भी जोर दिया ।

दिसंबर 2022 में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत और नवंबर 2022 में 7.3 प्रतिशत थी।
जनवरी 2023 में पूंजीगत सामान और बिजली उत्पादन क्षेत्र की अच्छी गति से औद्योगिक वृद्धि को मदद मिली। कपड़ा और चमड़े के सामानों का उत्पादन गिरा।
विश्लेषकों के अनुसार ब्याज दर बढऩे और वैश्विक मांग में नरमी को लेकर इस समय चिंता बढ़ी है।

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