रामगढ़ की भव्यता को और विकसित करने रामगढ़ में बनेगा श्री राम मंदिर
महोत्सव में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का हुआ आयोजन, शोधार्थियों ने रामगढ़ के सम्बंध में शोध पत्रों का किया वाचन
हिंगोरा सिंह
अम्बिकापुर
दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव का भव्य शुभारंभ प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आषाढ़ माह के प्रथम दिवस पर बुधवार को अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में हुआ। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखण्ड में स्थित भारत की प्राचीनतम नाट्यशाला के रूप में विख्यात रामगढ़ में रामगढ़ महोत्सव मनाया जाता है। रामगढ़ की पहाड़ियों में महाकवि कालिदास ने खंडकाव्य मेघदूत की रचना की थी।
अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने कहा कि हमारे लिए खुशी की बात है कि आज रामगढ़ महोत्सव की स्वर्ण जयंती है। महोत्सव में हमारे शोधकर्ता अपने-अपने शोध का पाठन करते हैं, जिसमें हमें रामगढ़ के बारे में जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष से महोत्सव के दोनों दिवस का कार्यक्रम रामगढ़ में ही हो रहा है, इन दो दिवसों में शोध, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित कई आयोजन होंगे। उन्होंने आगे कहा कि रामगढ़ की भव्यता को और विकसित करने यहां श्री राम मन्दिर का निर्माण किया जाएगा, जिसका भूमिपूजन भी किया गया है। इसमें शासन- प्रशासन से सहयोग मिल रहा है, उन्होंने उपस्थित जनों से आग्रह करते हुए कहा कि आप सब भी इसमें सहयोग करें। ताकि आप सभी को महसूस हो कि आपने इस मंदिर को बनवाया है। उन्होंने बताया कि ऊपर स्थित राम मंदिर में भी सुगम व्यवस्था हेतु जल्द काम शुरू होगा। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है, इसमें रेलिंग, सीढ़ी, शेड आदि का निर्माण सहित मरम्मत कार्य किए जाएंगे। रामगढ के विकास में हमारी ओर से किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी।
पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि यह वर्ष रामगढ़ महोत्सव का पचासवाँ साल है इसके लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
रामगढ़ रामवनगमन पथ का हिस्सा है, जिन क्षेत्रों से प्रभु राम गुजरे हैं यह क्षेत्र उन्हीं में से एक है। इसकी महत्ता को देखते हुए यहां भगवान श्री राम का एक विशाल मंदिर बनाया जाएगा, बहुत जल्द ही राम मंदिर को मूर्त रूप मिलेगा। कालिदास की महान रचना में यक्ष एवं यक्षिणी का प्रसंग यहां रामगढ़ में मिलता है, आने वाले समय में इसकी महीमा और बढ़ेगी। कलेक्टर विलास भोसकर के मार्गदर्शन में आयोजित रामगढ़ महोत्सव के शुभारंभ समारोह में जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने प्रशासकीय प्रतिवेदन पढ़कर रामगढ के इतिहास एवं कार्यक्रम की रूपरेखा के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष निरुपा सिंह, नगर पालिका निगम अम्बिकापुर महापौर मंजूषा भगत एवं सभापति हरमिंदर सिंह टिन्नी,
जिला पंचायत सदस्य राधा रवि, रायमुनिया करियाम एवं प्रदीप सिंह, जनप्रतिनिधि करता राम गुप्ता उपस्थित रहे। वहीं उदयपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंहदेव, सरपंच पूटा नंदराम, अपर कलेक्टर सरगुजा ए. एल. ध्रुव, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिले के अधिकारी-कर्मचारी तथा आमजन उपस्थित रहे।
महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए विभागीय स्टॉल का निरीक्षण किया गया। वन विभाग, उद्यान विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, हस्तशिल्प विभाग, रेशम विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला पंचायत के स्टॉल लगाए गए। जिसमें विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में आमजनों को जानकारी दी गई तथा सामग्रियां प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया, रामगढ़ के विषय पर छत्तीसगढ़ राज्य सहित अन्य राज्यों से आए शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। इस अवसर पर भोपाल से आए आचार्य डॉ नीलिम्प त्रिपाठी,बनारस से डॉ शैलेष कुमार तिवारी , रायपुर के डॉ ललित शर्मा सहित अन्य शोधार्थियों ने शोधपत्रों का वाचन किया। शोधार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहीं। जिसमें विद्यालयीन- महाविद्यालयीन, ख्याति प्राप्त स्थानीय एवं आमंत्रित कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोहा। इस अवसर पर लोक कलाकार संजय सुरीला ने लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। राहुल मण्डल एवं टीम द्वारा भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति दी गई, वहीं नृत्यांगना रित्विका बनर्जी ने शास्त्रीय नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। सूर्यप्रताप शर्मा ने शिव तांडव, स्कूली छात्र- छात्राओं के द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं।