लखनऊ। झटपट/निवेश मित्र पोर्टल पर बिजली कनेक्शन के आवेदनकर्ताओं को अब 21 दिन के भीतर अभियंता द्वारा लगाई गई आपत्तियों का निस्तारण करना अनिवार्य कर दिया गया है। समय पर आपत्तियों का समाधान न होने पर आवेदन स्वत: निरस्त कर दिया जाएगा।
यूपीपीसीएल ने लागू की नई व्यवस्था
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने यह व्यवस्था 14 अक्टूबर 2025 से लागू की है। लखनऊ में करीब साढ़े चार हजार से अधिक उपभोक्ताओं के आवेदन आपत्तियों के कारण निरस्त हो चुके हैं। पहले आवेदन लंबित रहते थे, लेकिन अब झटपट पोर्टल अपग्रेड होने के बाद 21 दिन में समाधान न होने पर आवेदन स्वत: रद्द हो जाता है।
उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की आवश्यकता
बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को अपने मोबाइल पर संदेश और ईमेल की जांच करनी होगी, ताकि किसी आपत्ति का समय पर समाधान किया जा सके। अगर 21 दिन निकल जाते हैं, तो आवेदन फिर से करना होगा और प्रोसेसिंग फीस पुनः जमा करनी होगी।
उपभोक्ताओं और अभियंताओं की प्रतिक्रिया
उपभोक्ताओं का कहना है कि नई व्यवस्था लागू करने से पहले यूपीपीसीएल को प्रचार-प्रसार करना चाहिए था। गुपचुप तरीके से नियम लागू करने से परेशानी बढ़ती है। कुछ अभियंताओं ने भी कहा कि उन्हें यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू हुई और पांच नवंबर से ही जानकारी मिली। फिलहाल उपभोक्ता बार-बार उपकेंद्र और अभियंताओं के पास चक्कर लगा रहे हैं।
आपत्तियां कैसे लगती हैं
बिजली कनेक्शन के लिए आवेदनकर्ता अक्सर सभी जरूरी दस्तावेज नहीं लगाते, जैसे भवन रजिस्ट्री प्रतिलिपि, शपथ पत्र, आधार कार्ड और वाणिज्यिक कनेक्शन में विद्युत सुरक्षा निदेशालय की एनओसी। जेई और एसडीओ की जांच में कमियां पाई जाती हैं और आपत्तियां लगाई जाती हैं।