भोपाल। राजधानी के पिपलानी क्षेत्र के कल्पना नगर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 67 वर्षीय राधाबाई सैनी अपनी ही बेटी द्वारा अमानवीय परिस्थितियों में बंद कर रखी गई मिलीं। जिस घर से उन्हें मुक्त कराया गया, वह अंदर से पूरी तरह अंधेरा, बदबूदार और कचरे से भरा हुआ था। गंदगी के बीच प्लास्टिक की पन्नी पर पड़ी बुजुर्ग महिला के पैरों के घावों में कीड़े पड़े हुए थे और उनकी सेहत अत्यंत खराब अवस्था में थी।
घटना का खुलासा तब हुआ जब समाजसेवी अनिल शेवानी ने घर से कराहने और मदद की पुकार जैसी आवाजें सुनीं। उन्होंने बताया कि यह पहली बार नहीं था, लेकिन इस बार आवाजों में अत्यधिक पीड़ा और भय महसूस हुआ। स्थिति संदिग्ध लगने पर उन्होंने पुलिस और एक सामाजिक संस्था को सूचना दी। कुछ ही देर में पिपलानी थाना पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई।
टीम जब घर के बाहर पहुंची, तो भीतर से “पुलिस बचाओ” की आवाजें आ रही थीं। दरवाजा खटखटाने पर राधाबाई की बेटी मीनाक्षी ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। रेस्क्यू टीम ने जब ताला तोड़ने की कोशिश की, तो मीनाक्षी ने हस्तक्षेप किया और दरवाजा भीतर से बंद कर दिया। लगभग 20 मिनट की समझाइश और प्रयास के बाद दरवाजा खोला गया।
घर के अंदर का दृश्य अत्यंत भयावह था। दो मंजिला मकान पूरी तरह जर्जर अवस्था में था। निचली मंजिल पर कचरे का बड़ा ढेर लगा था और बदबू पूरे परिसर में फैल रही थी। जिस कमरे में राधाबाई को बंद कर रखा गया था, उसमें गंदगी और टूटे सामानों के बीच तिल रखने की भी जगह नहीं थी। बुजुर्ग महिला अत्यंत कमजोर अवस्था में मिलीं, उनके पैर सड़े हुए थे और घावों में कीड़े लगे हुए थे।
पुलिस और रेस्क्यू टीम ने महिला को तुरंत बाहर निकालकर चिकित्सा सहायता के लिए भेजा। मामले की जांच जारी है और मीनाक्षी सैनी की भूमिका की विस्तृत पड़ताल की जा रही है।