दिल्ली और आसपास के इलाकों में नवरात्रि के दौरान कुट्टू और सिंघाड़े का आटा खूब इस्तेमाल होता है। कुट्टू का आटा सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर यह पुराना या मिलावटी हो तो फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। हर साल की तरह इस बार भी नवरात्रि के पहले दिन दिल्ली में कुट्टू के आटे से बना खाना खाने से करीब 200 लोग बीमार पड़ गए। ये लोग जहांगीरपुरी, महेंद्र पार्क, समयपुर, भलस्वा डेयरी, लाल बाग और स्वरूप नगर जैसे क्षेत्रों से थे।
डॉक्टरों का कहना है कि मिलावटी या पुराने कुट्टू के आटे की वजह से लोगों को फूड पॉइजनिंग हुई। सवाल उठता है कि कुट्टू का आटा कितने समय तक खाने लायक रहता है और इसकी गुणवत्ता कैसे जांचें?
डॉक्टरों के मुताबिक, कुट्टू का आटा 2-3 महीने तक ताजा रहता है, लेकिन नवरात्रि की मांग के कारण दुकानदार इसे लंबे समय तक स्टोर करते हैं, जिससे यह खराब हो सकता है। दुकानदारों का कहना है कि चूंकि कुट्टू का आटा सिर्फ नवरात्रि में बिकता है, इसलिए वे इसे पहले से स्टोर कर लेते हैं।
डॉक्टरों ने कुट्टू की गुणवत्ता जांचने के कुछ आसान तरीके सुझाए हैं:
- रंग: ताजा कुट्टू का आटा गहरा भूरा होता है। अगर यह धूसर या हल्का हरा दिखे, तो मिलावटी हो सकता है।
- गुणवत्ता: मिलावटी आटे को गूंथना मुश्किल होता है। अगर आटा बंधता नहीं, तो यह खराब हो सकता है।
- भंडारण: आटे को नमी और धूप से दूर रखें।
- फ्रिज: फ्रिज में रखने से आटे की शेल्फ लाइफ बढ़ती है।