खैरागढ़। खैरागढ़ जिले के करमतरा गांव में एक साधारण मकान विवाद देखते ही देखते बड़े तनाव में बदल गया। बीती रात करीब 12 बजे हालात इस कदर बिगड़े कि सैकड़ों ग्रामीण आक्रोशित होकर जालबांधा चौकी पहुंच गए और पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
विवाद भूपत साहू और तेजेश्वरी साहू के बीच लंबे समय से चले आ रहे मकान के मामले से जुड़ा बताया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि समय रहते विवाद का समाधान नहीं किया गया और भूपत साहू द्वारा लगातार तनावपूर्ण माहौल बनाया जाता रहा, लेकिन पुलिस ने शुरुआती स्तर पर सख्त कदम नहीं उठाए। इसी लापरवाही के चलते स्थिति विस्फोटक हो गई।

ग्रामीणों के मुताबिक, पंचायत और समझाइश के कई प्रयासों के बावजूद आरोपित पक्ष की ओर से धमकी और उकसावे की घटनाएं जारी रहीं। बीती रात खुलेआम नाम लेकर धारदार हथियारों से जान से मारने की धमकियां दी गईं, जिससे गांव में दहशत फैल गई। भयभीत ग्रामीण घरों से निकलकर थाने की ओर रवाना हो गए।
आरोप है कि पुलिस की देर से कार्रवाई ने हालात और बिगाड़ दिए। गुस्साए ग्रामीणों ने जालबांधा चौकी परिसर में नारेबाजी की, जिससे जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए। शिकायत के बाद पुलिस ने भूपत दास उर्फ साहेब, दीपक साहू और उसके पुत्र सूर्यकांत साहू को हिरासत में लेकर भारतीय न्याय संहिता की धारा 170 और 126 के तहत कार्रवाई की।
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि यह कदम दबाव में और काफी देरी से उठाया गया। लगातार मिल रही धमकियों के कारण महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भय के माहौल में जी रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे और खेतों में काम करने वाले किसान भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
चौकी प्रभारी बीरेंद्र चंद्राकर ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है, लेकिन करमतरा की घटना ने यह सवाल फिर खड़ा कर दिया है कि क्या खैरागढ़ जिला पुलिस हालात बिगड़ने के बाद ही सक्रिय होती है। फिलहाल गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।