Holashtak 2023 Begins Today : होलाष्टक आज से शुरू, 9 दिनों तक नहीं होगा कोई शुभ कार्य, 8 ग्रह भी रहेंगे अस्त-व्यस्त, जानिए क्या करें
Holashtak 2023 Begins Today : आज 27 फरवरी से होलाष्टक का प्रारंभ हो गया है. इस साल होलाष्टक 8 नहीं बल्कि 9 दिनों का है. हिन्दू कैलेंडर की 8 तिथियों में होलाष्टक होता है. होलाष्टक का प्रारंभ फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को होता है और यह फाल्गुन पूर्णिमा यानि होलिका दहन तक रहता है.
Holashtak 2023 Begins Today : होलिका दहन 7 मार्च को है. ऐसे में इस साल होलाष्टक 27 फरवरी से 7 मार्च तक है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि होलाष्टक में भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई प्रकार की यातनाएं दी गई थीं,
Holashtak 2023 Begins Today :
इस वजह से होलाष्टक को अशुभ माना जाता है. होलाष्टक में ग्रह भी उग्र होते हैं, इस वजह से कोई शुभ कार्य करने या बड़े निर्णय लेने से बचा जाता है.
होलाष्टक 2023 की शुरूआत
पंचांग के अनुसार, आज 27 फरवरी को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि की शुरूआत 12:58 एएम से हुई है और इसका समापन 28 फरवरी को 02:21 एएम पर होगा. फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि आज से प्रारंभ हो रहा है, इसलिए आज प्रात:काल से होलाष्टक लग गया है.
होलिका दहन पर होलाष्टक का समापन
इस साल 06 मार्च को शाम 04:17 बजे से फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और 07 मार्च को शाम 06:09 बजे इसका समापन होगा. ऐसे में होलिका दहन 7 मार्च को है तो होलाष्टक का समापन भी उस दिन होगा.
कब से होंगे शुभ कार्य
होलाष्टक के कारण बंद हुए शुभ कार्य होली के दिन से यानि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ हो जाएंगे. यदि आप को कोई नया या शुभ कार्य करना चाहते हैं तो उसे 8 मार्च से कर सकते हैं. 27 फरवरी से 7 मार्च के बीच उसे करने से बचें.
होलाष्टक में उग्र रहेंगे ये 8 ग्रह
होलाष्टक की 8 तिथियों में 8 प्रमुख ग्रह उग्र रहेंगे. ऐसे में व्यक्ति का मन अशांत हो सकता है, इस वजह से होलाष्टक के समय में बड़े फैसलों को करने से बचने की सलाह दी जाती है. होलाष्टक में क्रमश: चंद्रमा, सूर्य, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु ग्रह अष्टमी से पूर्णिमा के बीच उग्र रहते हैं. होलाष्टक में आप चाहें तो नवग्रह शांति के उपाय कर सकते हैं.
होलाष्टक 2023 क्या करें और क्या न करें
1. होलाष्टक में भगवान की भक्ति और पूजा पाठ में समय व्यतीत करें. होलाष्टक में आमलकी एकादशी, रंगभरी एकादशी, शनि प्रदोष जैसे व्रत आने वाले हैं. फाल्गुन पूर्णिमा पर स्नान दान करें और माता लक्ष्मी की पूजा करके धन-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं.
2. होलाष्टक के इन 9 दिनों में विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश या कोई नया कार्य न करें. इन दिनों में नए वाहन की खरीदारी भी करना अशुभ माना जाता है.