History of Chattisgarh संस्कृति, सभ्यता और विशिष्ट पहचान दर्शाती है छत्तीसगढ़ का इतिहास : विजय देवांगन

History of Chattisgarh

History of Chattisgarh ग्रामीण परंपराओं और रीति रीवाजों से छत्तीसगढ़ की पहचान
प्रदान किये प्रोत्साहित राशि

History of Chattisgarh धमतरी/छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ ओलंपिक का आयोजन 6 चरण में किया जा रहा है जिसमें चार चरण सफलतापूर्वक हो चुके हैं !  इसमें राज्य स्तर प्रतियोगिता में धमतरी जिला से कोई भी प्रतिभागी किसी भी खेलो में प्रथम स्थान प्राप्त करता है तो उसे महापौर विजय देवांगन द्वारा नगद ₹10000 राशि देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।

History of Chattisgarh महापौर विजय देवांगन ने बताया कि ग्राम पंचायत व नगरीय निकाय स्तर से प्रदेश स्तर तक आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अच्छा माहौल बना चुका है।

ग्राम पंचायत व निकाय स्तर पर खिलाड़ियों ने बड़ी संख्या में ओलंपिक में हिस्सा लिया,खास बात ये कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का काम किया गया है। ऐसे खेल जो अब विलुप्त हो रहे हैं उन पर ज्यादा फोकस किया गया ।

History of Chattisgarh इसका आयोजन छह स्‍तरों में किया गया है, जिसमें महिला व पुरुष प्रतिभागियों के लिए दो अलग-अलग वर्ग हैं। प्रतियोगिता में बच्‍चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी शामिल होकर अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं।

पहली दफा है जब ग्रामीण परिवेश से जुड़े पारंपरिक खेल देश में पहली बार इतना बड़ा आयोजन हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री जी करा रहे हैं।

History of Chattisgarh जिसमें 14 तरह के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है जैसे कि गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी दौड़,बांटी (कंचा),बिल्लस फुगड़ी,गेड़ी दौड़,भंवरा आदि है।

History of Chattisgarh छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन के पीछे छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों से युवा पीढ़ी को परिचित कराना और खेल के प्रति रूझान जगाना ,संस्‍कृति को आगे ले जाने और खेलकूद को बढ़ावा देना है।

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