रायपुर। स्वास्थ्य सेवाओं में तेज और प्रभावी सुधार की दिशा में केंद्र सरकार ने निर्णायक कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र में मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य समयबद्ध रूप से हासिल किया जाएगा और जनभागीदारी आधारित मॉडल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ किया जाएगा।
बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक रणबीर शर्मा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दवा विनियमन को सख्त करने, निदान सुविधाओं के विस्तार, टेलीमेडिसिन और रोगी-केंद्रित देखभाल को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि देशभर में स्वास्थ्य परामर्श अभियान की शुरुआत की गई है, जिससे औषधि प्रबंधन, निदान सेवाओं और जनस्वास्थ्य पहलों को नई दिशा मिलेगी और इनका सीधा लाभ नागरिकों तक पहुंचेगा।
नड्डा ने निर्देश दिए कि राज्यों के सभी रक्तकोष निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन करें और उनकी नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। नि:शुल्क औषधि एवं निदान योजना के तहत अधिकतम लोगों को लाभ पहुंचाने, खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने और खाद्य एवं औषधि परीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम को तेज करने पर विशेष जोर दिया गया। अधिक से अधिक निक्षय मित्र जोड़ने और उनके माध्यम से क्षय रोगियों को पोषण एवं खाद्य सहायता उपलब्ध कराने पर बल दिया गया। जोखिमग्रस्त आबादी में एक्स-रे आधारित जांच को तेजी से पूरा करने, सभी जिलों में डे-केयर कीमोथेरेपी सेवाएं शुरू कर कैंसर उपचार को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए गए।
केंद्रीय मंत्री ने मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में कमी लाने के लिए निगरानी तंत्र मजबूत करने तथा गैर-संचारी रोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग लक्ष्य आधारित तरीके से पूरी करने पर जोर दिया। कुष्ठ नियंत्रण के लिए प्रत्येक तिमाही सक्रिय रोगी खोज अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए।
नड्डा ने घोषणा की कि टीबी कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए राज्यों को 146 हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने आठ मेडिकल कॉलेजों के लिए पृथक अस्पताल स्थापित करने की मांग भी रखी, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ की प्रगति की सराहना करते हुए मानव संसाधन के लिए अतिरिक्त सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि सिंगल नोडल एजेंसी प्रणाली ट्रस्ट मॉडल पर संचालित होती रहेगी। ग्रामीण क्षेत्रों से खाद्य एवं औषधि नमूनों की जांच बढ़ाई जाएगी और खाद्य सुरक्षा क्षमता विस्तार के लिए राज्य आवश्यक स्थान उपलब्ध कराएंगे, जिसके लिए केंद्र वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
विस्तृत चर्चा के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य की साझेदारी ही स्वास्थ्य सुधारों की आधारशिला है। लक्ष्य केवल सेवाओं का विस्तार नहीं, बल्कि परिणाम आधारित बदलाव सुनिश्चित करना है, ताकि अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकें।