High Court : एक बार बच्चों को दी गई संपत्ति, माता-पिता वापस नहीं ले सकते
High Court : मद्रास हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा, एक बार दी गई संपत्ति को अभिभावक वापस नहीं ले सकता। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम के तहत हस्तांतरित की गई
High Court : संपत्ति में अगर दानकर्ता की देखभाल करने की शर्त नहीं है, तो संपत्ति वापस नहीं ली जा सकती है।
न्यायमूर्ति आर सुब्रमण्यम ने कहा, धारा 23 के तहत संपत्ति के हस्तांतरण को शून्य घोषित करने के लिए दो आवश्यक पूर्व शर्तें हैं। पहली शर्त यह है
कि अधिनियम के लागू होने के बाद हस्तांतरण दस्तावेज तैयार किया जाना चाहिए। दूसरा, ट्रांसफर करने वाले की देनदारी तय होनी चाहिए।
न्यायाधीश ने एस सेल्वराज सिम्पसन की रिट याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यदि शर्त पूरी नहीं होती है, तो अधिकरण दस्तावेजों को शून्य घोषित करने पर विचार नहीं कर सकता है।
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न्यायाधीश ने कहा, याचिकाकर्ता अपने बेटे से गुजारा भत्ता मांगने के लिए उचित कार्यवाही शुरू कर सकता है। कोई सिविल कोर्ट के समक्ष संपत्ति हस्तांतरण दस्तावेज को रद्द करने की मांग भी कर सकता है
। जज ने कहा, अगर मेंटेनेंस ट्रिब्यूनल कानून के तहत बनाए रखने में विफलता के आरोप से संतुष्ट है, तो इस तरह के स्थानांतरण को धोखाधड़ी से किया गया माना जा सकता है। ऐसे में ट्रिब्यूनल भी इसे अमान्य घोषित कर सकता है।