नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में लगातार बारिश और हरियाणा व पहाड़ी इलाकों से छोड़े गए पानी के चलते यमुना नदी उफान पर है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
घरों और सड़कों में भरा पानी
यमुना खादर क्षेत्र, मयूर विहार, गीता कॉलोनी और पुराना लोहे का पुल इलाके में झुग्गियां जलमग्न हो गई हैं। यहां रहने वाले लोग अपने मवेशियों के साथ अस्थायी शिविरों में शरण ले रहे हैं। कई इलाकों में घरों के बेसमेंट तक पानी भर चुका है। सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं और कई रास्ते बंद हैं।
श्मशान घाट तक डूबे, अंतिम संस्कार में दिक्कत
नदी के किनारे बसे श्मशान घाटों में भी पानी भर गया है, जिससे अंतिम संस्कार में परेशानी हो रही है। नाव की मदद से लोग आवाजाही कर रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं और दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
गौतमबुद्ध नगर में भी हालात बिगड़े
दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में यमुना के डूब क्षेत्र में बने 500 से अधिक फार्म हाउस प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने 450 से ज्यादा परिवारों और 1500 से अधिक पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
गुरुग्राम और कश्मीरी गेट में भी असर
गुरुग्राम में भी भारी बारिश के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित है। कश्मीरी गेट के पास मोनेस्ट्री मार्केट में पानी घुसने से दुकानदारों को दुकान खाली करनी पड़ी। आईटीओ और वज़ीराबाद समेत कई इलाके जलभराव से प्रभावित हैं।
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है। लोगों से अपील की गई है कि वे बाढ़ग्रस्त इलाकों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।