सारंगढ़-बिलाईगढ़। जिले में शीतलहर एवं ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एफ आर निराला ने नागरिकों को सावधानियां बरतने की सलाह दी है। विशेष रूप से बंद कमरों में कोयला जलाने से बचाव की चेतावनी जारी की गई है, क्योंकि कोयले के धुएं से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जानलेवा हो सकती है।
सीएमएचओ निराला ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि ठंड से पीड़ित मरीजों के लिए अलग बेड आरक्षित रखे जाएं तथा आवश्यक मशीन एवं उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उच्च जोखिम समूह जैसे बच्चे, बुजुर्ग एवं दिव्यांगजनों की विशेष देखभाल की अपील की गई है। शीतलहर से हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान कम होना) की आशंका रहती है, जिसमें कंपकंपी, मांसपेशियों में खिंचाव एवं सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
बचाव के उपायों में घर से अनावश्यक बाहर न निकलना, गरम कपड़े, दस्ताने, मफलर, स्वेटर पहनना, शाम ढलते ही दरवाजे-खिड़कियां बंद करना लेकिन वेंटिलेशन बनाए रखना शामिल है। ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था की जानी चाहिए। गर्म तरल पदार्थ का सेवन कर शरीर को हाइड्रेट रखें। छोटे बच्चों को मोजे, स्वेटर एवं कैप पहनाएं।
विषम स्थिति में तुरंत अस्पताल या चिकित्सक से संपर्क करें। छोटे बच्चों में निमोनिया एवं दस्त की आशंका रहती है, जो मृत्यु का प्रमुख कारण बन सकता है। माताओं को सलाह दी गई है कि ठंड में उठकर बच्चे को दूध पिलाने से पूर्व अपना शरीर गर्म कर लें।
शीतलहर बढ़ने पर नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था, घुमंतू व्यक्तियों की देखभाल एवं स्कूल-आंगनबाड़ी के समय में परिवर्तन पर प्रशासन निर्णय ले सकता है। स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष प्रबंध के निर्देश जारी किए गए हैं।