नई दिल्ली। सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने जीवनसाथी की लंबी आयु, वैवाहिक जीवन में समृद्धि और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत करती हैं। पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इस साल यह त्योहार 26 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
हरतालिका तीज का महत्व
हरतालिका तीज पर भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं, जिससे मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्रत अत्यंत कठोर माना जाता है, इसलिए पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं को पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए।
2025 का शुभ मुहूर्त
- तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त, दोपहर 12:34 बजे
- तिथि समाप्ति: 26 अगस्त, दोपहर 1:54 बजे
- पूजन मुहूर्त: सुबह 5:56 बजे से 8:31 बजे तक (अवधि: 2 घंटे 35 मिनट)
हरतालिका तीज पूजन विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थल को फल-फूलों से सजाएँ और चौकी पर शिव, पार्वती और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान शिव और माता पार्वती के सामने दीपक प्रज्वलित करें।
- श्रृंगार की पिटारी से सुहाग की वस्तुएं माता पार्वती को अर्पित करें।
- भगवान को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
- पूजा के बाद हरतालिका तीज की कथा सुनें और इच्छानुसार गरीबों को दान दें।
- रात में जागरण करें। सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएँ और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।
हरतालिका तीज व्रत नियम
- व्रत के दिन सोना वर्जित है और रात में भजन-कीर्तन करना चाहिए।
- पूजा में महिलाएं 16 श्रृंगार करें और लाल या रंगीन चूड़ियां पहनें; काले रंग के वस्त्र और चूड़ियां वर्जित हैं।
- मासिक धर्म के दौरान व्रत नहीं रखें; इस दौरान प्रार्थना, ध्यान और मंत्र जाप किया जा सकता है, लेकिन पूजा सामग्री को छूने से बचें।