Harivansh government or opposition : हरिवंश सरकार के या विपक्ष के?
Harivansh government or opposition : जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा है कि हरिवंश को राज्यसभा के उप सभापति पद से इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है।
ध्यान रहे वे जदयू के पांच राज्यसभा सांसदों में से एक हैं और जदयू जब भाजपा के साथ थी तब उनको उप सभापति बनाया गया था।
अब जदयू विपक्ष में है इसलिए उनकी स्थिति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वैसे कायदे से दोनों सदनों में उपाध्यक्ष और उप सभापति का पद विपक्षी पार्टी के पास होना चाहिए। इस नाते कुछ गलत नहीं है कि एक महत्वपूर्ण विपक्षी पार्टी के सांसद राज्यसभा के उप सभापति रहें।
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Harivansh government or opposition : लेकिन हरिवंश का मामला इतना आसान नहीं है। जब जदयू और भाजपा साथ थे तभी उनको भाजपा का ज्यादा करीबी माना जाने लगा था। इसलिए यह सवाल उठ रहा है कि वे सरकार के हैं या विपक्ष के? बिहार में भाजपा और जदयू का समीकरण बिगडऩे के बाद संसद का मॉनसून सत्र तुरंत खत्म हो गया इसलिए इसका अंदाजा नहीं लग पाया कि हरिवंश किस तरह से सदन चलाते हैं।
Harivansh government or opposition : इसका पता संसद के शीतकालीन सत्र में ही चलेगा। यह भी कहा जा रहा है कि वे शायद ही इस्तीफा देंगे। भाजपा के नेता भी नहीं चाहते हैं कि वे इस्तीफा दें। भाजपा को लग रहा है कि वे पहले जैसे ही काम करते रहेंगे। तब विपक्ष को निराशा होगी। यह बिल्कुल सोमनाथ चटर्जी वाली स्थिति है, जब लेफ्ट पार्टियों ने मनमोहन सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था लेकिन सोमनाथ चटर्जी ने लोकसभा के स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं दिया था। सीपीएम विपक्ष में थी और सोमनाथ दा सत्तापक्ष के थे!