Hareli folk festival : बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हरेली तिहार, विश्व बंधुत्व की भावना से विशव में पुनः हरियाली : बी.के. बिन्दू

Hareli folk festival :

उमेश डहरिया

Hareli folk festival :  विश्व बंधुत्व की भावना से विशव में पुनः हरियाली : बी.के. बिन्दू

 

Hareli folk festival :  कोरबा ..हरेली का लोकपर्व जिले मे भी बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया कई त्योहार ऐसे है जो सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही मनाया जाता है उन्हीं में एक हरेली का पर्व भी है !

इसी तारतम्य में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में भी हरेली का पर्व मनाया गया। जिसमें बी.के. रुक्मिणी बी.के. बिंदु डॉ के.सी देबनाथ, कमल कर्माकर मुख्य रूप से उपस्थित थे ।

इस अवसर पर संस्था प्रभारी ब्रम्हाकुमारी रूक्मणी ने कहा कि हरियाली दिवस अर्थात् सावन आता है तो बारिश की रिमझिम लेकर आता है। ऐसे ही परमात्मा कल्प में एक बार आते है पुरुषोत्तम संगमयुग पर हम आत्माओं पर ज्ञान की इतनी वर्षा करते है जो हम आत्माएं विषय वासनाओं में भस्म हो गए थे।

Hareli folk festival :   ज्ञान वर्षा कर हमें इतना सुंदर देवताओं जैसा सात्विक और हर्षितमुख बना देते है। इस सावन मास को संगमयुगी रिमझिम को परमात्मा हम पर सुख, शांति, प्रेम का वर्षा करते है इसके लिए परमात्मा का बहुत बहुत शुक्रिया। बी.के बिन्दू ने कहा कि अगर हरियाली न हो तो ये जीवन ही न हो जब प्रकृति हरी भरी हो जाती है तो ऐसा लगता है कि पूरे संसार का श्रृंगार किया गया हो।

हरियाली के बिना जीवन सोचना भी असंभव है इस हरियाली सावन पर पितरो का तर्पण होता है, खास आज के दिन लोग दान पुण्य करते है और इसमें अपना बहुत बड़ा पुण्य समझते है। कार्यक्रम में अनेकानेक प्रतियोगिताए आयोजित की गई।

 

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जैसे नृत्य, गायन, कविता, भाषण आदि। संस्था के रमा कर्माकर, अनुप गोयल, सूरज, हुकूमत भाई, भरत, ज्योति गुप्ता व अन्य लोगो ने भी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत व संत्तांवना पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर डॉ. के.सी. देबनाथ, कमल कर्माकर सहित बड़ी संख्या में संस्था से जुड़े भाई बहने उपस्थित रहें