Gujarat election गुजरात चुनाव में पुराने मुद्दों की वापसी
Gujarat election गुजरात के विधानसभा चुनाव में उन तमाम पुराने मुद्दों की वापसी हो गई है, जिन पर 2002 और उसके बाद के चुनाव नरेंद्र मोदी जीतते रहे हैं। राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने के लिए वे जिन मुद्दों का इस्तेमाल करते थे और जिन मुद्दों की वजह से गुजरात भाजपा और संघ की प्रयोगशाला बना वे सारे मुद्दे फिर से 2022 के चुनाव में उठाए जाने लगे हैं।
Gujarat election बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में फिर से अपनी सरकार बनाने के लिए वे ही मुद्दे उठा रहे हैं, जो मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उठाते थे। राज्य के चुनाव में आतंकवाद की एंट्री हो गई है और साथ ही नरेंद्र मोदी की जान के खतरे वाली बात भी सामने आ गई है।
Gujarat election प्रधानमंत्री मोदी ने 27 नवंबर की अपनी चुनावी रैलियों में आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समान विचार वाली पार्टियां आतंकवाद को सफलता का शॉर्टकट मानती हैं और बड़ी आतंकवादी घटनाओं पर चुप रहती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार ही गुजरात को आतंकवाद से बचा सकती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो गुजरात में चुनाव प्रचार करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को आतंकवादियों से प्यार करने वाला बताया।
इससे कुछ ही दिन पहले एनआईए के ऑपरेशन ऑक्टोपस में खुलासा हुआ कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रची थी। चुनाव से पहले मीडिया में इस खबर को पर्याप्त कवरेज मिल रही है। इस तरह की खबरों से गुजरात के मतदाता स्वाभाविक रूप से भाजपा के पक्ष में एकजुट होते हैं।