सुकमा, छत्तीसगढ़ के एक नक्सल क्षेत्र में, नक्सलियों के सरेंडर के दौरे का चल रहा है। इसी के बीच, आज एक महिला नक्सली ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इस महिला को एक लाख रुपये का इनाम दिया गया है। उसके समर्पण से, सुकमा के नक्सली क्षेत्र में एक और उम्मीद की किरण प्रकट हुई है।
इस महिला नक्सली को सुकमा क्षेत्र में सक्रिय था, और उसने अपनी जिंदगी को बदलने का निर्णय लिया है। उसने माओवादी थाना चिंतागुफा क्षेत्र की निवासी होने के बावजूद आत्मसमर्पण किया है। इस समर्पण के माध्यम से, उसने अपने पूर्व मार्ग को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है।
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सुकमा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पूना नर्काेम अभियान के तहत, बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैंप लगाए जा रहे हैं। इस अभियान के उद्देश्य में लोगों को नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना शामिल है।
इस अभियान के तहत, पुलिस ने प्रभावित क्षेत्रों में समर्थन और सहायता के लिए सुब्यूट कर्मियों को भर्ती किया है। इन कर्मियों का काम लोगों को नक्सलियों के विपरीत धारा में लाने में मदद करना है, और उन्हें सरकार की योजनाओं के लाभ का पालन करने में सहायता प्रदान करना है।
इस अभियान के माध्यम से, नक्सलियों ने हथियार डालने का रास्ता छोड़ा है, और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। इससे सुकमा और उसके पासवाले क्षेत्रों में अमन और विकास की राह में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।