पोता पार्षद है हमारा, सबकी जमीन भी हमारी

कहावत है – “सैंया भाई कोतवाल तो डर काहे का।” अब इसी तर्ज पर आप कह सकते हैं कि “पोता हमारा पार्षद तो डर अब काहे का।” रायपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 7 के पार्षद खेम सेन के दादा निजाम सेन ने एक परिवार की जमीन पर बेखौफ कब्जा कर रखा है। तहसील से लेकर कमिश्नर तक जमीन का फैसला जमीन मालिक नानक राम रहेजा और पल्लवी परेश सावला के नाम पर बिक्री की गई जमीन के पक्ष में होने के बावजूद इस जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया। उल्टे यहाँ पर एक फैब्रिकेशन की दुकान खुल गई है और अवैध रूप से मीटर लग गया है।

आज की जनधरा को मिले दस्तावेजों के आधार पर जब हमने इसकी पड़ताल की, तो सभी अधिकारी एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ते दिखे। यह प्रकरण कुछ इस तरह था –

दरअसल, सड्डू के गांधी चौक स्थित भूमि, जिसका खसरा नंबर 427/1 है, पर कई सालों से निजाम सेन द्वारा कब्जा किए जाने के बाद विवाद चल रहा है। भू अभिलेख में पल्लवी परेश सावला का नाम बतौर भूमि स्वामी दर्ज है और नानक राम रहेजा का नाम नामांतरण के पूर्व भूमिस्वामी के नाम पर दर्ज हैं। इस भूमि का सीमांकन 2019 में किया गया था।

राजस्व निरीक्षक द्वारा 19 नवंबर 2019 को दिए गए प्रतिवेदन के अनुसार इस भूमि पर निजाम सेन द्वारा बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जा किया गया है, ऐसा प्रतिवेदित किया गया है। सीमांकन प्रकरण के आधार पर नानक राम रहेजा द्वारा कब्जा बेदखली का एक आवेदन पत्र न्यायालय तहसीलदार रायपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसके बाद निजाम सेन ने प्रथम रिवीजन अपर कलेक्टर रायपुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया था, जो 27 नवंबर 2020 को निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद निजाम सेन ने फिर से पुनरीक्षण याचिका आयुक्त संभाग रायपुर महादेव कावरे के समक्ष प्रस्तुत की, उसे भी साक्ष्य के न होने के चलते खारिज कर दिया गया था।

इस दौरान नानक राम रहेजा द्वारा इस भूमि को पल्लवी परेश सावला को बेच दी गई, जिसकी रजिस्ट्री भी हो चुकी है। सरे दस्तावेज हमारे पास उपलब्ध हैं।

पल्लवी परेश सावला के बेटे विरल परेश सावला ने बताया कि उन्होंने पवन कोसमा जब रायपुर के तहसीलदार थे, उस समय 250 की धारा के तहत कब्जा हटाने की याचिका लगाई थी, लेकिन तहसील ऑफिस में फाइल न मिलने का बहाना दिया गया और उन्हें बार-बार तहसील के चक्कर लगाने को मजबूर किया गया। बाद में इस केस को होल्ड कर दिया गया था, जिसके बाद फिर से उन्होंने याचिका लगाई। वर्तमान में तहसीलदार राममूर्ति दीवान के पास यह केस चल रहा है, जिसमें निजाम सेन द्वारा लगाए गए आवेदन में कोई भी तथ्य नहीं पाए गए हैं और उसने एक भी पेपर पेश नहीं किया है। निजाम सेन द्वारा किए गए सारे आवेदन खारिज कर दिए गए हैं और 250 के आदेश के लिए मामला लंबित है।

आज की तारीख तक निजाम सेन का इस भूमि पर कब्जा बना हुआ है। यहाँ तक कि इस भूमि में प्रेम फैब्रिकेशन नाम से एक दुकान भी चल रही है, जिसे 2017 से टेम्पररी मीटर कनेक्शन भी दिया जा चुका है और यह कनेक्शन प्रेम फैब्रिकेशन के नाम से है, जिसका BP नंबर 1006394447 है। साथ ही उन्होंने बताया कि मीटर कनेक्शन काटने कुछ लोग भी आए थे, लेकिन उन्हें एक कॉल आता है, जिसके बाद मीटर कनेक्शन को नहीं काटा जाता है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

इस मामले पर हमने तहसीलदार समेत कई अधिकारियों से बात की, लेकिन सभी टालमटोल करते नजर आए।

तहसीलदार की प्रतिक्रिया

इस संबंध में जब हमने तहसीलदार से बात की तो उन्हें इस विषय में जानकारी ही नहीं थी कि इस भूमि में प्रेम फैब्रिकेशन की दुकान चल रही है। वहीं उन्होंने बताया कि निजाम सेन द्वारा पुनर्निरीक्षण की याचिका को खारिज किया गया है और उन्हें साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया था। अभी की स्थिति में इस मामले को लेकर निजाम सेन ने कोर्ट में भी याचिका लगाई है।

CSPDCL के A.E की प्रतिक्रिया

कचना विद्युत मंडल के कार्यपालन अभियंता विशाल बाजपेयी ने बताया कि 2017 से ही वहां मीटर कनेक्शन दिया जा चुका है। जब हमने पूछा कि विवादित जमीन में किस आधार पर मीटर दिया गया है, तो उन्होंने इस संबंध में जानकारी देने से मना करते हुए कहा कि,

“आपको जो जानकारी चाहिए, वह लिखित रूप में दीजिए। जिसके बाद भी अगर आप भूमि से संबंधित व्यक्ति होंगे तभी जानकारी दी जाएगी।”

यहाँ तक कि कार्यपालन अभियंता को यह भी जानकारी नहीं थी कि इस भूमि में लगा मीटर कनेक्शन टेम्पररी है या परमानेंट।

सवाल ये हैं कि टेम्पररी मीटर किस आधार पर दिया गया था और टेम्पररी मीटर की अवधि 2 साल की होती है, तो इसे एक्सटेंड किस आधार पर किया जा रहा है?

जोन के A.E की प्रतिक्रिया

जब हम इस विषय में जोन कमिश्नर एस.के. पांडेय से जानकारी लेने पहुंचे तो पता चला कि वे छुट्टी पर हैं। तब हमने जोन 9 के A.E अंशुल शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि,

“प्राइवेट जमीन पर राजस्व विभाग की जिम्मेदारी होती है, नगर निगम इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता है।”

पार्षद खेम सेन की प्रतिक्रिया

वहीं इस विषय में जब हमने पार्षद खेम सेन से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि प्रेम फैब्रिकेशन की दुकान उन्हीं की है। इसी के साथ उन्होंने इस भूमि में चल रहे विवाद पर कोई प्रतिक्रिया देने से मना करते हुए कहा कि,

“यह मामला तहसीलदार ऑफिस और कोर्ट में चल रहा है, वहां बात कीजिए।”

इस दौरान उन्होंने हमारे संवाददाता से उसकी उम्र पूछते हुए कहा –

“तू जा, तू अभी बच्चा है।”

इस तरीके से यह भूमि का मामला पिछले कई सालों से अटका हुआ है और निजाम सेन द्वारा इस भूमि पर अवैध कब्जा कर प्रेम फैब्रिकेशन नाम से दुकान चलाई जा रही है, जिसकी जानकारी पार्षद खेम सेन को भी है और वो दबंगई के साथ इसमें शामिल हैं। अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं और लगातार याचिकाओं का दौर जारी है। इस संबंध में सबसे चौकाने वाली बात यह हैं कि दोनों ही पार्टी के नेता इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं। हमने सबसे सम्पर्क किया किन्तु किसी ने भी कुछ नहीं कहा। सबकी अपनी - अपनी मजबूरी होगी।

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