पालक बालक संगोष्ठी में नई शिक्षा नीति, अपार आईडी के महत्व के साथ ही वैदिक हवन यज्ञ भी सम्पन्न हुआ
दाढ़ी- दाढ़ी क्षेत्र का एक मात्र सी बी एस ई एफ्फिलेटेड स्कूल जांता में आज पालक बालक शिक्षक मीटिंग का आयोजन हुआ। इस आयोजन में नई शिक्षा नीति 2020 के उचित शिक्षा की उचित परिपालन के जानकारी,उसके व उसके विभिन्न चरणों व नई शिक्षा नीति से बच्चों सर्वांगीण विकास पर चर्चा हेतु आज विशेष आयोजन रखा गया, साथ ही आपार आई एक राष्ट्र, एक छात्र, एक आई डी, के जानकारी को बताया गया। जिसमें पालको ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। विद्यार्थियों के पढ़ाई स्तर को जानने के लिए बड़ी संख्या में माता-पिता विद्यालय पहुँचे, डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जांता में सी बी एस ई शिक्षा व पाठ्यक्रम को लेकर लोगों की सोच बदलने का अद्वितीय कार्य किया जा रहा है। डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जाँता प्राचार्य श्री- पी.एल. जायसवाल ने बताया कि डी ए व्ही स्कूल अपने सी.बी.एस.ई. पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा, व अच्छी संस्कार व सी.बी.एस.ई. के प्रत्येक एक्टिविटी के लिए जाना जाता है। महर्षि दयानंद सरस्वती जी के नाम से ही दयानंद एंग्लो वैदिक विद्यालय प्रारंभ हुआ है।महर्षि दयानंद जी आर्य समाज के संस्थापक है।संस्था में प्रत्येक शनिवार को हवन यज्ञ व संस्कार को लेकर नैतिक शिक्षा की पढ़ाई निरंतर होते आ रहा है,साथ ही पालकों ने भी को वैदिक हवन यज्ञ व विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के चर्चा परिचर्चा हेतु पालक- बालक, शिक्षक में लंबी चर्चा के साथ भव्य संगोष्ठी में अभिभावकगण भी शामिल हुए। प्राचार्य जायसवाल ने अपने उद्बोधन में बताया कि अत्यधिक लाड प्यार से पुत्र और शिष्य दोनों गुणहीन हो जाते है, और ताड़ना से गुणी हो जाते है, यदि शिष्य को गुरु का व पुत्र को पालक का भय बना रहेगा, तो वह गलत मार्ग पर नहीं जा सकता है। साथ आगे जानकारी साझा किया कि छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु हमे तीनो कड़ी को मजबूत होना अनिवार्य हैं पालक-बालक-शिक्षक आपस में मिलकर ही हम छात्रों की उज्ज्वल भविष्य की गणना कर सकतें हैं। छात्रों के प्रति मेहनत करने व आगे बढ़ाने के लिए विद्यालय के शिक्षक प्रयासरत व सदैव तत्पर हैं। विद्यार्थियों की बेहतर शिक्षा में सुधार कैसे करें माता-पिता और शिक्षक का एक ही लक्ष्य होता है, बच्चे की सफलता। माता-पिता, शिक्षक और बच्चे की साझेदारी स्कूली प्रक्रिया को समृद्ध और प्रभावी बनाती है। “माता-पिता अपने बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं”। उनका सहयोग बच्चे की पढ़ाई और विकास को प्रभावित करता है।एक सफल अभिभावक के सहयोग के लिए, आपको शिक्षकों के साथ निरंतर बातचीत करने की आवश्यकता होती है। माता-पिता और शिक्षक साथ मिल ही हम विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को गढ़ सकते हैं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचकर अपने बच्चों के पढ़ाई की स्तर को जाना, साथ ही विद्यालय के हो रहे विभिन्न एक्टिविटी व पढ़ाई को लेकर अभिभावकों में काफी उत्साह हैं। वैदिक हवन यज्ञ व पालक बालक संगोष्ठी में प्रमुख रूप में विद्यार्थियों के लगभग 300 से सहित पालकों ने हिस्सा लिया। स्कूल के कक्षा आठवीं के छात्र रूद्र चंद्राकर ने शिक्षक गोविंद साहू के साथ मिलकर भव्य वैदिक हवन यज्ञ कराया। साथ ही
संस्था के शिक्षकगण ललित देवांगन, अखिलेश पटेल, अनिल चन्द्रवंशी, कैलाश सिंह ,गोविंद साहू, राजा तन्तुवेय, छोटू राम साहू, निशु गुप्ता, आयुषी जैन,मनीषा सोनी, रितिका साहू, रेणुका पटेल, सरिता साहू, दीपिका वर्मा, अभिषेक दुबे, नम्रता चतुर्वेदी, मधुस्मिता, उमेश साहू, विमल साहू, कुसुम साहू,देवीका जैन, सुखदेव ,विजय, नरेश, रुकमणी, रामेश्वरी, युवराज़ आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाए।