नई दिल्ली। अरावली पर्वतमाला को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने अरावली रेंज में नए खनन पट्टे जारी करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों तथा उसके द्वारा स्वीकृत नीति के तहत अरावली के संरक्षण और खनन के लिए नए क्षेत्रों की पहचान होने तक यह प्रतिबंध प्रभावी रहेगा।
मंत्रालय का यह निर्देश इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अरावली पर्वत की नई परिभाषा को लेकर केंद्र पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि इससे बड़े हिस्से में खनन की अनुमति का रास्ता खुल सकता है।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि वर्तमान में संचालित खदानों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि खनन कार्य सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप ही हो।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अरावली रेंज में किसी भी नए खनन की अनुमति तभी दी जाएगी, जब वैज्ञानिक आधार पर संरक्षण से जुड़ा एक समग्र मैनेजमेंट प्लान तैयार हो जाएगा।
इस संबंध में मंत्रालय के सहायक आयुक्त जितेश कुमार ने इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन के महानिदेशक को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत अरावली रेंज के लिए मैनेजमेंट प्लान फॉर सस्टेनेबल माइनिंग तैयार करने को कहा है। इसमें प्रतिबंधित क्षेत्रों और खनन के लिए उपयुक्त अतिरिक्त क्षेत्रों की पहचान भी की जाएगी।
गौरतलब है कि वर्तमान में अरावली रेंज के विभिन्न राज्यों में खनन को लेकर अलग-अलग नियम लागू हैं। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को समान नियम लागू करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए थे।