Government of Chhattisgarh छत्तीसगढ़ सरकार के इस महाअभियान को साकार कर रहे किसान
Government of Chhattisgarh सक्ती ! खरीफ फसल की कटाई के बाद अधिकांश किसान पैरा को खेतों में ही जला देते हैं, जिसका वातावरण पर विपरीत असर पड़ता है। धुएं के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है, वहीं खेतों में पराली जलाने से चारा नष्ट हो जाता है।
Government of Chhattisgarh कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना द्वारा लगातार बैठक लेकर किसानों से अपील की जा रही है कि वो खेतों में इसे जलाने की बजाय पैरा को गोठान समितियों को दान में दे, जिससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और मवेशियों को भी उचित मात्रा में चारे के रूप में पैरा मिल जाएगा। इसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जिले के कई किसान अब गोठान समितियों को पैरा दान कर रहे हैं।
Government of Chhattisgarh जानकारी के अनुसार सक्ती ब्लॉक के 39 गोठानों में अब तक 4,500 क्विंटल से भी ज्यादा पैरा का संग्रहण किया जा चुका है। यह मात्रा और बढ़ती जा रही है। कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना द्वारा जिले के गोठानों में पशुओं के लिए पैरा सुरक्षित रखने और खेतों में जलने से बचाने के लिए गोठान नोडल एवं सचिव को पैरादान करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
Government of Chhattisgarh ब्लॉक सक्ती के सीईओ जागेन्द्र साहू और लीलांबरी बैरेथ ने बताया कि 39 गोठानों में अब तक 4,500 क्विंटल से अधिक पैरा का संग्रहण कर पशु आहार के लिए सुरक्षित किया गया है। इनमें से सक्ती ब्लॉक के गोठान देवरी, पुटेकेला, लहंगा, पलाड़ीखुर्द में 200 से अधिक क्विंटल पैरा दान किया जा चुका है जो की बड़ते जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से बहुत अच्छा संदेश गया।
पराली जलाना हमारे पर्यावरण के लिए काफ़ी हानिकारक है। साथ ही पराली जलने से बचाया गया है। उन्होंने बताया कि गोठानों में ज्यादा से ज्यादा पैरा संग्रहण करने का प्रयास किया जा रहा है तथा आने वाले दिनों में पैरा संग्रहण की मात्रा बढ़ेगी। बताया गया है कि सभी गोठानों में 100 से 200 ट्रली पैरा संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।