छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में इस बार किसी प्रकार का आयोजन नहीं हुआ, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वर्तमान भाजपा सरकार पर "छत्तीसगढ़िया गौरव खत्म करने" का आरोप लगाया है।

पूर्व सीएम ने कहा, “ना तो यह सरकार विश्व आदिवासी दिवस मनाती है, और ना ही राज्य के पारंपरिक त्योहारों को मान्यता देती है। आज गोवर्धन पूजा के दिन भी मुख्यमंत्री निवास में कोई आयोजन नहीं हुआ। यह सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक आत्मसम्मान पर हमला है।”
अपने निवास पर किया आयोजन
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अपने निवास में गोवर्धन पूजा का आयोजन कर आमजन को बधाई दी और भगवान श्रीकृष्ण की सामूहिकता की भावना को याद करते हुए कहा, “समूह में ताकत होती है, और हमें भी मिलकर वर्तमान जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।” उन्होंने आगे कहा कि व्यापारी, किसान और आम लोग अब पछता रहे हैं, और बिजली, राशन व महंगाई के मुद्दे आने वाले दिनों में जनता को और प्रभावित करेंगे।
विकास और योजनाओं को लेकर भी किया वार
भूपेश बघेल ने केंद्र की जीएसटी नीति पर भी हमला बोलते हुए कहा, “राहुल गांधी ने इसे दो दिन में समझ लिया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसे समझने में आठ साल लग गए।” उन्होंने राज्य में अपने कार्यकाल की योजनाओं को याद करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ गोबर खरीदने वाला देश का पहला राज्य था, और कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए थे।
राज्योत्सव और भाजपा पर सीधा सवाल
राज्योत्सव की तैयारियों को लेकर बघेल ने कहा कि, “भाजपा सरकार के पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। दो साल में ऐसी कोई योजना नहीं लाई गई है, जिससे जनता को राहत मिली हो। राज्योत्सव में क्या बताएंगे – यही कि काम कुछ नहीं हुआ?”
कांग्रेस संगठन और दिल्ली बैठक का जिक्र
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान को लेकर 23 अक्टूबर को दिल्ली में केसी वेणुगोपाल और सचिन पायलट के साथ अहम बैठक होगी। इसमें सीडब्ल्यूसी सदस्य, नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री शामिल होंगे। सभी पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
नक्सलवाद पर कहा – “हमारी नीति ने कमर तोड़ी थी”
नक्सलवाद पर पूछे गए सवाल पर बघेल ने अपनी पुरानी नीति की याद दिलाते हुए कहा कि, “हमारी सरकार की विकास, विश्वास और सुरक्षा नीति ने बस्तर में लोगों का भरोसा जीता था। हमने 600 गांव खाली कराकर नक्सलियों की कमर तोड़ी थी।” उन्होंने कहा कि “नक्सलवाद कोई समय-सीमा से खत्म नहीं होता। यह जमीनी विश्वास और रणनीति से समाप्त होता है।”
भ्रष्ट अधिकारियों की सूची और ‘गुजरात मॉडल’ पर तंज
भ्रष्ट अधिकारियों की सूची बनाए जाने पर पूर्व सीएम ने कटाक्ष करते हुए कहा, “मेरे कार्यालय के सुरक्षाकर्मी और चपरासियों तक को इधर-उधर कर दिया गया। अब कौन सरकार चला रहा है, भाजपा खुद तय करे। सुनने में आया है कि गुजरात से तीन लोग आए हैं, जो बंद कमरे में बैठकर निर्देश देते हैं और वही लागू होता है।”
निष्कर्ष
गोवर्धन पूजा जैसे पारंपरिक त्योहार पर कार्यक्रम नहीं होने को लेकर राज्य की राजनीति गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तीखे बयानों ने भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यशैली को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि सत्तारूढ़ दल इसका क्या जवाब देता है।