नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारत की 16वीं जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। यह जनगणना 2027 में आयोजित की जाएगी, जो 2011 के बाद देश की पहली जनगणना होगी। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को गृह सचिव गोविंद मोहन, रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की थी।
दो चरण में होगी जनगणना
2027 की जनगणना देश की स्वतंत्रता के बाद आठवीं और कुल मिलाकर 16वीं जनगणना होगी। यह दो चरणों में पूरी की जाएगी:
- पहला चरण (हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन): इसमें घरों, संपत्तियों और बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी।
- दूसरा चरण (जनसंख्या आकलन): इसमें प्रत्येक घर के सदस्यों की गिनती के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य डेटा जुटाया जाएगा।
जाति जनगणना भी शामिल
इस बार जनगणना में जातिगत आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। यह कदम सरकारी योजनाओं और नीतियों को अधिक सटीक ढंग से लागू करने में मदद करेगा।
जनगणना के लिए 1.3 लाख अधिकारियों और 34 लाख सर्वेक्षकों की तैनाती की जाएगी। लद्दाख जैसे दुर्गम बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना का कार्य अक्टूबर 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा, जबकि शेष देश में यह प्रक्रिया मार्च 2027तक चलेगी।
गृह मंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा
गृह मंत्री अमित शाह ने इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अभ्यास के लिए विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनगणना देश की विकास नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए इसे पूरी दक्षता के साथ पूरा किया जाना चाहिए।