जिला अस्पताल से ठगी का बंदी फरार, जेल और अस्पताल के बयान में विरोधाभास

जांजगीर-चांपा। जिला अस्पताल के बंदी वार्ड से शुक्रवार सुबह एक बंदी के फरार होने से अफरा-तफरी मच गई। हथकड़ी से हाथ निकालकर भागे बंदी की पहचान पंचराम निषाद के रूप में हुई है, जिसे नवागढ़ पुलिस ने ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ प्रदेश के कई जिलों में प्रकरण दर्ज हैं और वह पहले भी जेल से फरार हो चुका है।

घटना के बाद जिला अस्पताल चौकी में तैनात पुलिस स्टाफ ने तुरंत तलाश शुरू की, लेकिन शुरुआती जांच में फरारी के तरीके का स्पष्ट सुराग नहीं मिल सका। अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए।

इस मामले में जिला जेल और जिला अस्पताल के बयानों में विरोधाभास सामने आया है। जिला जेल खोखरा के जेलर ने बताया कि बंदी के हाथ में फ्रैक्चर था और प्लास्टर लगाने के लिए उसे भर्ती कराया गया था। इसके उलट सिविल सर्जन का कहना है कि बंदी को बुखार और डायरिया की शिकायत के कारण गुरुवार दोपहर भर्ती किया गया था।

सिविल सर्जन के अनुसार, बंदी के साथ एक प्रहरी तैनात था। शुक्रवार सुबह डॉक्टर द्वारा दवाइयां लिखे जाने के बाद उन्हें लेने प्रहरी वार्ड से बाहर गया। लौटने पर उसने पाया कि बंदी हथकड़ी से हाथ निकालकर फरार हो चुका है। इसकी सूचना तुरंत जिला अस्पताल चौकी को दी गई, जिसके बाद पुलिस और अस्पताल स्टाफ ने संयुक्त रूप से खोजबीन शुरू की।

जेलर ने बताया कि पंचराम निषाद को 28 अक्टूबर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। वह कथित रूप से खुद को निर्माण सामग्री व्यापारी बताकर कम दाम में सामान उपलब्ध कराने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करता था। 7 नवंबर को हाथ में मोच आने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां से वह शुक्रवार सुबह फरार हो गया।

कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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