महाराष्ट्र: चुनाव आयोग ने इस वर्ष से नई नीति जारी की है, जिसके अनुसार उम्र के 85 साल पूरे कर चुके और पोलिंग सेंटर तक पहुंचने में असमर्थ लोगों के लिए घर से वोटिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस नई नीति के अंतर्गत, नाम रजिस्टर करने के बाद उन्हें वोटिंग के लिए घर से वोटिंग की सुविधा प्राप्त होगी। यह एक प्रोग्रेसिव कदम है जो लोगों को वोटिंग की प्रक्रिया में शामिल करने का मौका देने के लिए किया गया है।
महाराष्ट्र में 19 अप्रैल को प्रथम चरण के मतदान का आयोजन होने वाला है, और इस बार गढ़चिरोली सभा क्षेत्र में भी मतदान होगा। गढ़चिरोली जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है और उत्तरी महाराष्ट्र के अति दुर्गम तथा नक्सली संवेदनशील इलाकों में घर से वोटिंग की योजना बनाई है। इसके तहत, अहेरी उपजिला मुख्यालय से सिरोंचा तक की दूरी तय की गई है, और यहां के बुजुर्ग मतदाताओं के लिए 100 किलोमीटर का फासला तय किया गया है।
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इस पहल के तहत, दो बुजुर्ग मतदाताओं के लिए टीम ने उनके घर पहुंचकर उन्हें मतदान के लिए रजिस्टर किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो लोगों को वोटिंग प्रक्रिया में शामिल करने का मौका देने के लिए लिया गया है, और उन्हें अपने अधिकार का उपयोग करने की सुविधा प्रदान की गई है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि चुनाव की प्रक्रिया में कोई भी लापरवाही न हो, और हर व्यक्ति को उसका मतदान करने का अधिकार हो।
इस साथ, उत्तरी महाराष्ट्र के इस इलाके में चुनावी प्रक्रिया को और भी सुदृढ़ और विश्वसनीय बनाने के लिए नई नीतियों का प्रारंभ किया गया है। इससे सामाजिक न्याय और लोकतंत्र को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है, और लोगों को उनके अधिकारों का पूरा लाभ उठाने में मदद मिल रही है।