हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। आज देशभर के मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। जगह-जगह भजन-कीर्तन, झांकियां और पूजा-अर्चना का आयोजन हो रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को ही हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी पर अष्टमी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं।
परंपरा के अनुसार, जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को छप्पन भोग अर्पित करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि सच्चे मन से की गई पूजा और व्रत से हर मनोकामना पूरी होती है।
आज देश के प्रमुख मंदिरों — मथुरा, वृंदावन, द्वारका, पुरी और दिल्ली-मुंबई स्थित इस्कॉन मंदिरों में रौनक देखते ही बन रही है। श्रद्धालु भगवान की झांकियों के दर्शन कर अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर रहे हैं।