रायपुर। प्रदेश में भूमि गाइडलाइन दर बढ़ाए जाने को लेकर उठे राजनीतिक विवाद के बीच वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने अपने फायदे के लिए वर्षों तक जमीन की गाइडलाइन नहीं बढ़ने दी।

“शराब, कोयला और महादेव सट्टा का पैसा जमीन में लगाने की तैयारी थी” – ओपी चौधरी
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कुछ लोगों को अवैध कमाई को जमीनों में लगाने का रास्ता ढूंढना था, इसी वजह से उन्होंने गाइडलाइन दरों को केवल पुराने स्तर पर ही रखा। चौधरी का आरोप है कि कम दरों पर जमीन खरीदकर बड़े पैमाने पर प्लॉट्स इकट्ठा किए जा रहे थे।
(यह आरोप वित्त मंत्री द्वारा लगाए गए हैं।)
“गाइडलाइन नहीं बढ़ाना एक बड़ी साज़िश थी”
ओपी चौधरी ने कहा कि जमीनों की गाइडलाइन में बढ़ोतरी रोकने के पीछे “एक बड़ी राजनीतिक योजना” थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नई दरों में यदि कहीं कोई त्रुटि पाई जाती है, तो सरकार उसे सुधारने को तैयार है।
किसानों और रियल एस्टेट सुधार पर दिया जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि कम गाइडलाइन रेट का सबसे बड़ा नुकसान किसानों को होता है, क्योंकि जमीन अधिग्रहण में उन्हें वास्तविक मूल्य नहीं मिल पाता। उन्होंने यह भी कहा कि—
- गाइडलाइन दर मध्यम वर्ग के होम लोन मूल्यांकन से जुड़ी है,
- रियल एस्टेट सेक्टर के पारदर्शिता सुधार के लिए भी इसका बढ़ना आवश्यक है।
चौधरी के अनुसार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह निर्णय राज्य की दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती और जनता के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।