भोपाल। एम्स भोपाल के इमरजेंसी विभाग में तैनात एक महिला डॉक्टर ने बेहोशी की दवा का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इंजेक्शन लगने के बाद उनकी पल्स रेट और हार्टबीट तेजी से गिरने लगी। घर पर मौजूद उनके पति उन्हें तुरंत एम्स की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे, जहां टीम ने तत्काल सीपीआर देकर उनकी स्थिति को स्थिर करने का प्रयास किया।
डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और उन्हें मेन आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल टीम ने बताया कि ऐसे मामलों में स्थिति की स्पष्टता 72 घंटे बाद ही पता चलती है कि नसों और अन्य अंगों को कितना नुकसान पहुंचा है।
जानकारी के मुताबिक, इमरजेंसी एंड ट्रॉमा विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रश्मि वर्मा गुरुवार को ड्यूटी करने के बाद शाम को घर लौटी थीं। उनके पति डॉ. रतन, जो ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ हैं, ने बताया कि घर का माहौल सामान्य था और सभी अपने-अपने काम में व्यस्त थे। जब वे डॉ. रश्मि के पास पहुंचे तो वे बेहोश अवस्था में मिलीं। अंदेशा है कि उन्होंने खुद को बेहोशी की दवा का इंजेक्शन लगाया था।
एम्स प्रशासन ने बताया कि अब तक न कोई सुसाइड नोट मिला है और न ही किसी तरह का कोई संदेश। इसलिए उनके इस कदम के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है। अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सा टीम उनकी हालत पर लगातार नजर बनाए हुए है।