federation कलम बंद – काम बंद हड़ताल
federation भानुप्रतापपुर। एक दिवसीय सामुहिक अवकाश लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी, एवं शिक्षक federation संघ भानुप्रतापपुर के द्वारा आज बुधवार को एक दिवसीय Demonstration करते हुए अपने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा गया।
federation प्रांतव्यापी कलम रख – मशाल उठा आंदोलन का शंखनाद दिसम्बर 20 को 14 सूत्रीय मांगपत्र पर किया था । 3 सितंबर 21 को आपके कलम बंद – काम बंद हड़ताल के बाद राज्य शासन ने पिंगुआ कमेटी का गठन किया था । घटक संगठनों के प्रांताध्यक्षगणों ने अपने मुख्य मुद्दो पर अपना तथ्यात्मक पक्ष दो चरण के बैठकों में रखा था ।

Demonstration पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसे मुद्दो पर federation को सफलता भी मिला है । लेकिन वेतन विसंगति , अनियमित कर्मचारी – अधिकारियों में का नियमितीकरण , तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति , चार स्तरीय वेतनमान जैसे ज्वलंत मुद्दों पर राज्य शासन स्तर पर निर्णय लंबित है । जिससे प्रभावित कर्मचारी – अधिकारियों में भारी रोष व्याप्त है ।
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federation छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शासकीय कर्मचारीयों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतन मान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता नहीं देने की नीति से प्रदेश के कर्मचारीयों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है शासन द्वारा हमारे सेवाशर्तो एवं मौलिक अधिकारों का सतत हनन किया जा रहा है।
Demonstration शासन द्वारा जारी किये गये महंगाई भत्ता के आदेशों में एरियर्स एवं देय तिथि का स्पष्ट उल्लेख नहीं होने के कारण भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है । वित्त विभाग , छत्तीसगढ़ शासन का वित्त निर्देश 18 / 2019 के द्वारा राज्य शासन के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2019 से केन्द्र शासन के समान देय तिथि से स्वीकृत किया गया था ।
वित्त विभाग छग शासन का वित्त निर्देश 24 / 2021 अनुसार राज्य शासन के द्वारा 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2019 से स्वीकृत किया गया था । शासन द्वारा जारी उक्त आदेश में 01 जुलाई 2019 से 30 जून 2020 तक के एरियर्स का उल्लेख नहीं होने के कारण प्रदेश के शासकीय सेवाकों को आर्थिक नुकसान हुआ है ।
फेडरेशन के प्रतिनिधियों के साथ 4 सितम्बर 2021 को इस संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा किया था। उन्होंने मुद्दों की गंभीरता पूर्वक सुनकर आश्वस्त किया कि शासन इस संबंध में निर्णय लेकर यथाशीघ्र आदेश जारी करेगा । लेकिन शासन कर्मचारियों के मुद्दों पर खामोश है वर्तमान में शासन अनिर्णय की स्थिति में है ।

साथियों , इसी प्रकार वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन का वित्त निर्देश 09/2022 के अनुसार राज्य शासन के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान पर 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता 1 मई 2022 से स्वीकृत किया है । जो कि केन्द्र शासन द्वारा महंगाई भत्ता स्वीकृत हेतु निर्धारित तिथि के अनुसार नही है । छत्तीसगढ़ शासन के उक्त आदेश में 28 महीनों के एरियर्स का उल्लेख नहीं है ।
शासन द्वारा लगातार कर्मचारियों एवं अधिकारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है । हमारे आर्थिक हितों को नजरअंदाज कर रही है ।
कर्मचारी हित में संघर्ष करने कलम रख – मशाल उठा आंदोलन के तहत प्रत्येक जिले के कर्मचारी / अधिकारी द्वारा बुधवार को सामूहिक अवकाश लेकर काम बंद कलम बंद हड़ताल कि गयी तथा प्रांत व्यापी जिला स्तरीय महारैली निकाल कर केन्द्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता एवं सातवे वेतनमान पर गृह , भाड़ा भत्ता के मुद्दों पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा गया।
यदि राज्य शासन अनिर्णय के स्थिति में रहता है , तो 25 जुलाई 2022 से 29 जुलाई तक पांच दिवस का अवकाश लेकर जिला / तहसील / विकासखण्ड स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे ।