Fast track court Sakti : फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय
Fast track court Sakti : सक्ती ! फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा 36 वर्षीय अपने ही भाभी के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर 40 वर्षीय आरोपी को 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय दिया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि दिनांक 2 मार्च 2022 को दोपहर 3:30 डभरा थाना अंतर्गत अभियोक्त्री को जब वह अपने घर के परछी में काम कर रही थी उसके दोनों पुत्र मोबाइल बनवाने के लिए खरसिया गए हुए थे तथा उसकी सास खाना खाकर सो गई थी तब आरोपी अभियोक्त्री अपने भाभी को अकेले देख कर वह उसके घर के पास आया और उसका मुंह दबाकर परछी में ही पटक कर उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया।
घटना के कारण पीड़िता के सीना व जांघ में चोट लगी है । पीड़िता के सास बुजुर्ग हो गई है जो कम सुनती है इसलिए पीड़िता के चिल्लाने की आवाज को सुन नहीं पाई । पीड़िता ने घटना के बारे में अपने सास तथा घर के बाहर अन्य लोगों को बताई उसी समय पीड़िता के दोनों लड़के वापस आए जिन्हें भी घटना के बारे में बतायी तथा पीड़िता अपनी सास के साथ चौकी फगुरम थाना डभरा जाकर लिखित शिकायत की जिस पर अभियुक्त के विरुद्ध 0/ 2022 धारा 376 दर्ज किया गया एवं नंबरी अपराध हेतु थाना डभरा में डायरी पुलिस द्वारा पेश किया गया जिस पर अपराध क्रमांक 80 / 2022 पंजीबद्ध कर विवेचना किया गया।
Fast track court Sakti : पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा दिया एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ धारा 376, 323 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अभियुक्त के खिलाफ अभियोग पत्र विशेष न्यायालय शक्ति में पेश किया गया था ।
विशेष न्यायालय सक्ती ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया।
अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्त पीड़िता के देवर उम्र 40 वर्ष चौकी फगुरम थाना डभरा जिला सक्ती को विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को धारा 376 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 5,000 के अर्थदंड से एवं धारा 323 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 6 महीने का सश्रम कारावास एवं ₹500 के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।अभियोजन की ओर से पैरवी राकेश महंत विशेष लोक अभियोजक ने किया ।