Famous Sculptor in Delhi 1. भण्डारपुर खैरागढ़ के समकालीन नामचीन मूर्तिकार है किशोर शर्मा
2. उनकी इस उपलब्धि पर नवीन जिला वासियों, कलाकारों और शुभचिंतकों ने दी बधाई
3. उनकी कृति को विदेश से आये कलाकारों ने भी खूब सराहा
Famous Sculptor in Delhi खैरागढ़. देश की राजधानी दिल्ली के भारतीय पुर्नवास केंद्र हेबिटाट सेंटर के ओपन पॉम आर्ट गैलरी में विगत दिनों आयोजित कला प्रदर्शनी में भण्डारपुर-खैरागढ़ के समकालीन मूर्तिकार किशोर शर्मा की काँस्य मुर्तिकला का प्रदर्शन हुआ है जिसे देश के अनेक प्रांतो और विदेश से आये कलाकारों ने खूब सराहा.
Famous Sculptor in Delhi जानकारी अनुसार दिल्ली में आयोजित इस प्रदर्शनी में भारत के अनेक राज्यों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया था जिन्होंने अपने मूर्त और अमूर्त कलाओ को वहां प्रदर्शित किया. इस प्रदर्शनी में प्रतिनिधित्व कर रहे नामचीन मूर्तिकार किशोर शर्मा ने अपने प्रदर्शित कृतियों के बारे में बताया कि मैं गांव की मिट्टी में पला बढ़ा होने से गांवों का पहनावा उनके रहन-सहन और ग्रामीण बच्चों के बचपने में खेले जाने वाले खेलो जैसे- कंचा , गेड़ी,पतंग, रहचूली,फीलफिलि, भंवरा , पितंगी व बुलबुला उड़ाते हुए बच्चों व आदिवासियों के गहना सहित यहां की कला और संस्कृति को समकालीन मॉडर्न आर्ट के सौंदर्यबोध को रेखांकित करता हूँ.
Famous Sculptor in Delhi उन्होंने कहा मेरी प्रदर्शित कृतियों में गेड़ी नृत्य आकर्षक रही जिसे विदेशों से आये मेहमान जॉन और सूरी ने खूब सराहा और कहा कि समयाभाव के कारण हम लोग छत्तीसगढ़ नही जा पाये लेकिन किशोर की कृतियों से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की संस्कृति को हमने बखूबी जाना वही चंडीगढ़ से आये प्रसिद्ध फोटोग्राफर गुरुदीप धीमान ने रहचूली शीर्षक से बने कांस्य कला को छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की अमिट छाप कहा.
Famous Sculptor in Delhi इस दौरान हरियाणा से आये ख्यातिलब्ध कलाकार व बिंदास आर्टिस्ट ग्रुप के डारेक्टर राकेश चौधरी ने कहा कि पितंगी टाइटल से बनी कृति को लय,ताल और सौंदर्य बोध को समाहित कर सम्पूर्ण भाव को कठोर माध्यम में उकेरने में किशोर सफल रहा.
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Famous Sculptor in Delhi गौरतलब है कि किशोर की कला प्रदर्शनी देश के अनेक राज्यों सहित विदेशों में भी प्रदर्शित हो चुकी है साथ ही साथ अनेक पुरस्कार और अनेक संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम व मंच पर वो सम्मानित हो चुके है वही वे अपने स्टूडियो में पत्थर, फाइबर, लकड़ी, टेराकोटा , सीमेंट,स्क्रैप मेटल और काँस्य में छत्तीसगढ़ की संस्कृति,नृत्य और खेल को अपने कृतियों में ढालते रहे है. खास बात ये है कि किशोर शर्मा स्क्रेप मेटल में कर्मा , सुआ, गेड़ी और पंथी नृत्य को खूबसूरती के साथ गढ़ते है जो उन्हें मूर्तिकला के क्षेत्र में अलग मुकाम प्रदान करता है..