Exclusive- दुर्ग को इंदौर जैसा स्वच्छ शहर बनाना मेरी खास प्राथमिकता : ऋचा प्रकाश

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0 एशियन न्यूज और आज की जनधारा के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र से ऋचा प्रकाश का खास साक्षात्कार

जनधारा समाचार
रायपुर। छत्तीसगढ़ का एजुकेशन हब कहे जाने वाले दुर्ग जिले को शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता के मामले में राष्ट्रीय पहचान मिले, यह मेरी खास प्राथमिकताओं में से एक है। यह कहना है दुर्ग जिले की कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी का। उन्होंने एशियन न्यूज और आज की जनधारा के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र से एक खास साक्षात्कार में दुर्ग जिले के समग्र विकास और लोकसभा चुनाव की प्रशायनिक तैयारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश –

सवाल : अभी जो लोकसभा चुनाव होने जा रहा है, उसे आप किस रूप में देखती हैं, चुनाव को लेकर प्रमुख चुनौतियां क्या हैं और क्या रणनीति बनाई गई है इसके लिए?
जवाब: वैसे तो मुझे दो विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव में काम करने का अवसर मिल चुका है और मौजूदा चुनाव मेरे लिए दूसरा लोकसभा चुनाव होगा। जिस समय ये चुनाव हुए थे उस समय मैं जांजगीर, सुकमा और कांकेर जिले में पदस्थ थी। वैसे चुनाव में चुनौतियां तो रहती ही हैं लेकिन निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन्स इतनी स्पष्ट है कि पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है। यह पूरा काम निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शन में केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर संपन्न करना होता है, सभी का सहयोग रहता है इसलिये परेशानी नहीं होती है। अगर दुर्ग की बात करें तो यहां के लोग बहुत जागरूक हैं। प्रशासन भी लगातार लोगों से बिना प्रलोभन और भय के निष्पक्ष मतदान के लिए लगातार अपील कर रहा है।

सवाल : सुगम मतदान के लिए निर्वाचन आयोग लगातार प्रयास कर रहा है, नवाचार हो रहे हैं। ऐसे कौन से नवाचार हैं जिनकी जानकारी मतदाता को होनी चाहिए?
जवाब : आयोग मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने लगातार प्रयास कर रहा है। सीनियर सिटीजऩ, युवा और महिलाओं पर खास फोकस किया जा रहा है। 85 साल से अधिक के सीनियर सिटीजऩ और दिव्यांगों को उनके घर से ही वोट देने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा मतदान केंद्रों को भी सुविधा जनक बनाया जा रहा है जिससे गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को परेशानी न हों।

सवाल: ईवीएम को लेकर अक्सर तरह-तरह की बातें होती रहती हैं। हम जानना चाहेंगे कितना सुरक्षित है ईवीएम से मतदान ?
जवाब : चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाती है। राजनितिक दलों के प्रतिनिधियों को भी सारी प्रक्रियाओं से अवगत कराया जाता है, उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया जाता है। ईवीएम से मतदान पूरी तरह सुरक्षित है। कौन सी मशीन कहां जाएगी, इसका चयन रैंडम होता है। पूरी चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होती है।

सवाल: कितना अमला लगेगा इस चुनाव में और क्या व्यवस्थाएं की गईं हैं ?
जवाब: इस चुनाव के लिए करीब 1500 केंद्र बनाये गए हैं. पूरा चुनाव संपन्न होने में करीब 22 हजार का अमला लगेगा। सभी विभागों से समन्यवय स्थापित कर इस काम को संपन्न कराया जायेगा।

सवाल : चुनाव के लिए प्रशिक्षण कब से चल रहा रहा है ?
जवाब : प्रशिक्षण कार्यक्रम दो-तीन महीने पहले से ही चुनाव की घोषणा के पहले से ही शुरू हो चुका था। मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा जानकारी देने के लिए हैंडबुक आदि की व्यवस्था भी की गई है।

सवाल : दुर्ग जिले के लिए आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
जवाब : जिले के लोगों की जरूरतों और शासन के निर्देशों के अनुरूप विकास। शहरी क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन, शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना, शिक्षा, स्वास्थ्य पर विषय ध्यान देना मेरी प्राथमिकता है। वैसे भी मैं जहाँ-जहाँ पोस्टेड रही हूँ वहाँ शिक्षा पर विशेष फोकस किया है। यहां भी कुछ निजी संस्थानों के साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।

सवाल : शिक्षा के मामले में दुर्ग आगे है, यहां स्वच्छता के क्षेत्र में किया जाना शेष है?
जवाब : जी हाँ। स्वच्छता एक बड़ी चुनौती जरूर है लेकिन जनभागीदारी से इस पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। वैसे यहाँ के लोग सहयोग करते हैं, ऐसे में निश्चित ही एक दिन दुर्ग स्वच्छता के मामले में अलग पहचान बनाएगा। मुझे उम्मीद है कि एक दिन स्वच्छता के मामले में इसकी पहचान इंदौर जैसे शहरों की सूची में शामिल होगी।

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