(excercise) फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं ये 5 एक्सरसाइज

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(excercise) फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं ये 5 एक्सरसाइज

(excercise) फेफड़े शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं। हालांकि, कुछ संक्रमण और बीमारी के साथ-साथ बढ़ती उम्र के कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। इस वजह से शरीर को ढंग से ऑक्सीजन न मिलने, सांस फूलने और कई फेफड़ों संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आइए आज हम आपको पांच ऐसी एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं, जिनका नियमित अभ्यास फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर करने में मदद कर सकता है।

बैलून एक्सरसाइज

(excercise) यह एक्सरसाइज भी फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में काफी मदद कर सकती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको अपने मुंह से गुब्बारे फुलाने होंगे। दरअसल, गुब्बारा फुलाने के दौरान गहरी सांस लेते है, जिसकी वजह से फेफड़ों में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है और शरीर में ब्लड ऑक्सीजन की कमी नहीं होती हैं। इसके अतिरिक्त, इस एक्सरसाइज से पसलियों पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।

लिप ब्रीथिंग एक्सरसाइज

(excercise) इस एक्सरसाइज को आप टीवी देखते-देखते या फिर कोई भी काम करते समय कर सकते हैं। लिप ब्रीथिंग करने के लिए नाक से सामान्य तरीके से सांस लें। इसके बाद होंठों से सांस को इस तरह धीरे-धीरे छोड़ें जैसे कि केक पर लगी मोमबत्तियों को बुझाने के लिए फूंक मारी जाती है। इस क्रम को आप पांच से छह बार या फिर अपनी सुविधानुसार दोहरा सकते हैं। इस एक्सरसाइज से फेफड़े और हृदय के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

एरोबिक्स एक्सरसाइज

 


(excercise) एरोबिक्स एक्सरसाइज के नियमित अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होती है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह भी अच्छा होता है। इसके अलावा यह एक्सरसाइज हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। एरोबिक एक्सरसाइज में आप अपने वर्कआउट रूटीन में स्विमिंग, रनिंग, जॉगिंग, साइकिलिंग और वॉकिंग आदि को शामिल कर सकते हैं। इन एक्सरसाइज को रोजाना 20-30 मिनट तक करने से आपको फेफड़ों संबंधित कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

माउंटेन क्लाइंबर एक्सरसाइज

 


माउंटेन क्लाइंबर के लिए सबसे पहले जमीन पर घुटनों के बल बैठें, फिर अपनी दोनों हथेलियों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर सीधा कर लें। इसके बाद अपने दाएं पैर के घुटने को मोड़ें और इसे अपनी छाती की ओर लाएं। इसके बाद इसे सीधा करें। जब आप दाएं पैर को सीधा करें और अपने बाएं पैर के घुटने को अपनी छाती की ओर लाएं। कुछ मिनट तक ऐसे ही पैरों को चलाते रहें।

डायाफ्रामिक ब्रीथिंग

इस एक्सरसाइज के लिए किसी समतल और शांत जगह पर सीधे बैठ जाएं या फिर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपना एक हाथ सीने पर और दूसरा पेट पर रखें। इसके बाद नाक से सामान्य तरीके से ऐसे सांस लें कि पेट ज्यादा से ज्यादा अंदर की ओर सिकुड़े और फिर धीरे-धीरे नाक से सांस छोड़ें। इस एक्सरसाइज को एक से दो मिनट दोहराने के बाद सामान्य हो जाएं।

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