रायपुर। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने कस्टम मिलिंग स्कैम से जुड़ी कार्रवाई करते हुए दीपेन चावड़ा को गिरफ्तार कर सात दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया है। दीपेन चावड़ा अनवर ढेबर का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। उस पर आरोप है कि वह अन्य मामलों में लगभग 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि का प्रबंधन करता रहा है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि चावड़ा ने लोकसेवकों की ओर से करीब 20 करोड़ रुपये की राशि एकत्र करने में भूमिका निभाई। अधिकारियों के अनुसार, उसके खिलाफ पर्याप्त दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मिले हैं। इस घोटाले में फरवरी 2025 में तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर के खिलाफ विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निरोधक) में चालान पेश किया गया था। वहीं अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के खिलाफ जांच जारी है।
ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि यह मामला केवल आर्थिक अनियमितता नहीं बल्कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है। योजना के तहत आवंटित अनाज की आपूर्ति और लेन-देन में भारी गड़बड़ी से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
रिमांड अवधि में पुलिस दीपेन चावड़ा से वित्तीय लेन-देन, बैंक खातों, फर्जी बिलों और अन्य आरोपियों की भूमिका पर पूछताछ करेगी। अधिकारियों ने कहा कि अवैध धन के स्रोत और उपयोग का भी पता लगाया जाएगा।
इस गिरफ्तारी को जांच एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि घोटाले में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। नागरिकों से अपील की गई है कि यदि किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी हो तो प्रशासन को सूचित करें।
दीपेन चावड़ा की गिरफ्तारी ने स्पष्ट कर दिया है कि कस्टम मिलिंग स्कैम की जड़ें गहरी हैं और आगे की कार्रवाई में अन्य बड़े नामों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।