गरियाबंद। छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष करन सिंह अटेरिया द्वारा कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया गया कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों का दुर्भाग्य है कि सरकार के आगे मंहगाई भत्ता के लिए आंदोलन करना पड़ता है। श्री अटेरिया द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रदेश अधिकार–कर्मचारी संघ के सभी सहयोगियों के प्रयास से हमारा संगठन छोटे कर्मचारी से लेकर बडे़ अधिकारियों की सामूहिक एवं व्यक्तिगत सभी छोटी-बडी समस्याओं को लेकर मंत्रालय एवं संचालनात्मक स्तर पर निराकरण कराने की कोशिश कर संबंधित अधिकारी कर्मचारी को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है। जिसमें लेखा प्रशिक्षित कर्मचारियों को समयावधि के पूर्व एस एस की परीक्षा में बैठने की अनुमति, परिवीक्षा अवधि पूर्ण कर चुके अधिकारी कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से स्टाइपैड के अंतर की राशि का भुगतान कर नियुक्ति दिनांक से वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाने, कृषि विभाग में कार्यरत ग्रामीण कृषि विकास अधिकारियों (ग्रेजुएट एण्ड नान ग्रेजुएट ) की फरवरी 2021 में की गई पदोन्नति में कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (सीआर) नहीं होने का हबाला देकर पदोन्नति से वंचित किये जाने का कारण सहित जानकारी कृषि विभाग से प्राप्त किया गया है, इस मुद्दे को लेकर कृषि विकास अधिकारियों से चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार किये जाने पर विचार किया गया।
दैनिक वेतनभोगी अनियमित कर्मचारियों को श्रम सम्मान की राशि के भुगतान हेतु रूप रेखा तैयार करनॆ, लिपिकों एवं अन्य कर्मचारी साथियों के वेतन विसंगति पर चर्चा किया जाना है, विभागों में निचले स्तर के संवर्ग में समानुपातिक पद नहीं होने के कारण साथी बिना पदोन्नति पाए सेवा निवृत हो रहे हैं इस विषय पर चर्चा किया गया है। इन सभी बिन्दुओं को लेकर शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए बैठक में विचार विमर्श किया गया। बैठक को सभी पदाधिकारियों द्वारा संबोधित किया गया। उक्त जानकारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ( गरियाबंद) केपी श्रीवास ने दी है।