खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में पर्यटन को नई उड़ान: 8 प्रमुख स्थलों के विकास की कार्ययोजना मंजूर, रोजगार और ब्रांडिंग पर जोर

खैरागढ़। पर्यटन को आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का प्रमुख आधार मानते हुए खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में पर्यटन विकास की नई पहल शुरू की गई है। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल की अध्यक्षता में हुई जिला पर्यटन समिति की बैठक में पहले चरण में 8 प्रमुख स्थलों के समग्र विकास की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई।

ये 8 स्थल होंगे विकसित
चयनित स्थलों में करेला का मां भवानी मंदिर, गंडई का प्राचीन शिव मंदिर, लावातरा का मंडीप खोल, छिन्दारी बांध (रानी रश्मिदेवी जलाशय), इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (खैरागढ़), नर्मदा कुण्ड, पैलीमेटा का सुरही जलाशय और बैताल रानी घाट शामिल हैं। इन स्थलों को पर्यटन के लिहाज से आकर्षक बनाने के लिए अधोसंरचना, साफ-सफाई, डिजिटल सुविधा, साइन बोर्ड, लाइटिंग, ठहरने की व्यवस्था और पर्यावरण अनुकूल निर्माण सुनिश्चित किए जाएंगे।

स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रत्येक स्थल के लिए एक विशेष कार्यबल गठित होगा जिसकी जिम्मेदारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पास होगी। स्थानीय युवाओं को गाइड, सेवा प्रदाता और अन्य भूमिकाओं में प्रशिक्षित कर प्रत्यक्ष रोजगार से जोड़ा जाएगा। साथ ही, सभी प्रमुख स्थलों की विस्तृत जानकारी और हाई-क्वालिटी तस्वीरों के साथ एक पर्यटन पुस्तिका और QR कोड युक्त डिजिटल वर्जन जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।

ब्रांडिंग और प्रमोशन की रणनीति
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को बुलाया जाएगा, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे और जिले को शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में ब्रांड किया जाएगा। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पर्यटन स्थलों के आसपास ‘लैंड बैंक’ तैयार करने और अतिथिगृहों को अपग्रेड करने की योजना भी स्वीकृत हुई है।

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