खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के सर्रागोंदी गांव में एक पीपल का पेड़ काटे जाने की घटना ने ग्रामीणों को आक्रोशित और भावुक कर दिया। एक बुजुर्ग महिला, जिसने 20 साल पहले इस पेड़ को लगाया था और इसकी बेटे की तरह देखभाल करती थी, पेड़ कटने पर फूट-फूटकर रो पड़ी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बुजुर्ग महिला रोज इस पेड़ को पानी देती और उसकी पूजा करती थी। ग्रामीणों के अनुसार, यह पेड़ सरकारी जमीन पर था और उनकी आस्था का केंद्र था। आरोप है कि खैरागढ़ निवासी जमीन व्यापारी इमरान मेमन ने अपने साथी प्रकाश कोसरे के साथ मिलकर इस पेड़ को कटवाया। ग्रामीणों ने इस घटना के खिलाफ खैरागढ़ थाने में प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की।
पुलिस कार्रवाई
ग्रामीण प्रमोद पटेल की शिकायत पर खैरागढ़ थाने में अपराध क्रमांक 464/2025 दर्ज किया गया। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 298 और 3(5) के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी इमरान मेमन को हिरासत में लिया। पूछताछ में मेमन ने कबूल किया कि उसने अपनी जमीन के सामने शासकीय भूमि पर स्थित पेड़ को हटवाने का फैसला लिया था। प्रकाश कोसरे ने लकड़ी काटने की मशीन से पेड़ काटा और सबूत छिपाने के लिए मशीन को नदी में फेंक दिया। पुलिस गोताखोरों की मदद से मशीन की तलाश कर रही है और एक स्कूटी भी जब्त की गई है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
पेड़ कटने से आहत ग्रामीणों ने घटनास्थल पर नया पीपल का पौधा लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पेड़ उनकी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक था। इस घटना ने प्रकृति के प्रति उनके लगाव को उजागर किया है।