रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश किया है। बताया जा रहा है कि करीब 3800 पन्नों का यह चालान है, जिसमें चैतन्य बघेल को 200 से 250 करोड़ रुपये मिलने का खुलासा किया गया है।
ईओडब्ल्यू के अनुसार यह जानकारी सौम्या अरुणपति, अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के बीच हुई व्हाट्सऐप चैट के आधार पर सामने आई है। एजेंसी ने इस प्रकरण में आठवां पूरक चालान EOW की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया है।
इधर, इसी शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच को तेज करते हुए बड़े खुलासे किए हैं। ईडी ने दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी मानी जाने वाली अधिकारी सौम्या चौरसिया शराब घोटाला गिरोह की सक्रिय सदस्य थीं। जांच एजेंसी के अनुसार सौम्या चौरसिया को इस घोटाले के जरिए करीब 115 करोड़ रुपये की अवैध राशि मिली।
ईडी का कहना है कि सौम्या चौरसिया केवल एक सरकारी अधिकारी की भूमिका में नहीं थीं, बल्कि घोटाले से जुड़े प्रमुख लोगों के बीच केंद्रीय समन्वयक और मध्यस्थ के रूप में काम कर रही थीं। उनके माध्यम से सिंडिकेट के निर्देश नीचे तक पहुंचते थे और कमीशन प्रणाली का संचालन किया जाता था।
जांच एजेंसी के मुताबिक जांच के दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं, जिनमें मोबाइल फोन, लैपटॉप, चैट रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और लेन-देन से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं। इन्हीं रिकॉर्ड्स से यह सामने आया कि सौम्या चौरसिया लगातार गिरोह के शीर्ष सदस्यों के संपर्क में थीं।
ईडी का दावा है कि सौम्या चौरसिया अनिल टुटेजा, चैतन्य बघेल सहित अन्य प्रमुख आरोपियों के बीच कड़ी के रूप में काम कर रही थीं। उनके जरिए निर्देश, भुगतान और महत्वपूर्ण फैसले आगे बढ़ाए जाते थे। इस मामले में जांच एजेंसियों की कार्रवाई से घोटाले की जांच सत्ता के उच्च स्तर तक पहुंचती नजर आ रही है।