नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौते किए। इनमें यूरिया उत्पादन, कामगारों के प्रवासन, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, पोर्ट एवं शिपिंग तथा आर्थिक सहयोग के क्षेत्र शामिल हैं।
उर्वरकों के क्षेत्र में भारत और रूस संयुक्त रूप से यूरिया उत्पादन करेंगे। भारत वर्तमान में रूस से बड़े पैमाने पर यूरिया आयात करता है और इस समझौते से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
कामगारों के प्रवासन पर समझौते से भारतीय श्रमिकों को रूस में व्यवस्थित रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा बेहतर वेतन सुनिश्चित होगा। कनाडा एवं ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देशों में सख्त नियमों के बीच यह भारतीय कामगारों के लिए राहत पैकेज साबित होगा।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसके अलावा पोर्ट एवं शिपिंग क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किए गए। दोनों देशों ने अर्थव्यवस्था के रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारत-रूस संबंध ऐतिहासिक पड़ावों से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आठ दशकों से दोनों देशों की मित्रता ध्रुव तारा की तरह अटल रही है। संबंध आपसी सम्मान एवं विश्वास पर आधारित हैं तथा समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। हमने सहयोग के सभी क्षेत्रों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने 2030 तक भारत-रूस आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति जताई। उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर शांति की वकालत दोहराई तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए आवश्यक खनिजों में दोनों देशों के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।