दिपेश रोहिला
Negligence of revenue officials : अस्थाई ही नहीं पक्का अतिक्रमण भी हो रहा, शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से लोगों में नाराजगी,प्रशासन की छवि हो रही खराब
Negligence of revenue officials : पत्थलगांव। अतिक्रमण के मामलों में आर आई और पटवारी द्वारा गलत जानकारी देने से प्रशासन कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है। राजस्व कर्मचारियों की इस लापरवाही पर लोगों ने नाराजगी जताते हुए उच्चाधिकारियों से शिकायत की बात कही है। उधर गलत जानकारी के कारण कार्रवाई नहीं करने से प्रशासन की छवि पर विपरीत असर पड़ रहा है।
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उल्लेखनीय है कि शहर में जमीन विवाद के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इनमें से अतिक्रमण ऐसा मामला है जिसमें अधिकांशतः शासकीय भूमि प्रभावित होती है। गौरतलब है कि शहरों में शासकीय भूमि की कीमत कई गुना बढ़ती जाती है। इसलिए लोगों द्वारा लालच में आकर शासकीय जमीनें पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया जाता है।
लोगों की मानें तो हाल के दिनों में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिससे शहर में शासकीय भूमि लगातार कम होती जा रही है। यूं तो शासकीय जमीन की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है। और प्रशासन से यह अपेक्षा की जाती है कि इन पर नजर बनाकर शासकीय भूमि को सुरक्षित रखे ताकि शहर के विकास कार्यों में इनका इस्तेमाल किया जा सके परंतु प्रशासन इसमें नाकाम साबित होता दिखाई दे रहा है। इसके लिए सीधे तौर पर राजस्व कर्मचारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैए को जिम्मेदार माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अतिक्रमण के किसी भी मामले में प्रशासन द्वारा जानकारी देने के लिए राजस्व कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है जिसमें मुख्य रूप से आर आई और पटवारी शामिल होते हैं। लोगों के मुताबिक यह देखने में आया है कि शहर में भी अतिक्रमण के कई मामलों में प्रशासन द्वारा राजस्व कर्मचारियों को इसका दायित्व सौंपा गया है परंतु ये कर्मचारी अतिक्रमणकारी के प्रभाव में आकर गलत जानकारी प्रशासन को दे देते हैं।
लोगों ने बताया कि हाल ही में यह भी देखने में आया है कि राजस्व कर्मचारियों द्वारा ऐसे कई मामलों में बिना शिकायतकर्ताओं की उपस्थिति या फिर बिना आस पास में रहने वाले लोगों की जानकारी में आए ही जांच पूरी कर ली है। कर्मचारियों के इस रवैए की वजह से प्रशासन को वस्तु स्थिति की जानकारी नहीं मिल पाती है और अतिक्रमण कारी अपने मंसूबे में कामयाब हो जाते हैं। और कई स्थानों पर कच्चा ही नहीं अवैध रूप से पक्का निर्माण भी करा लेते हैं जिसे हटा पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित होता है।
–लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा–
Negligence of revenue officials : अतिक्रमण के मामले में कार्रवाई करने में प्रशासन के नाकाम रहने का खामियाजा लोगों को जीवन भर भुगतना पड़ता है। गौरतलब हैं कि शहर में अतिक्रमण के अधिकांश मामले सड़कों के किनारे होते हैं जिससे सड़कें संकरी होती जा रही हैं। जिससे सड़कों के किनारे नाली के लिए बिलकुल जगह नहीं बचती। विदित हो कि इसी अतिक्रमण को वजह से जशपुर और अंबिकापुर रोड पर जगह नहीं होने के कारण नाली बनाने के दौरान बार बार विवाद की स्थिति बनती रही और मजबूरन ठेकेदार को लोगों की मर्जी के मुताबिक नाली बनानी पड़ी। स्थिति यह है कि दोनों सड़कों पर करीब 2 करोड़ की लागत से बनी हुई नाली आज किसी काम की नहीं रह गई है। बारिश और घरों का पानी पूर्ववत सड़कों पर बह रहा है। वहीं अतिक्रमण को वजह से सड़कों के चौड़ीकरण के लिए तक जगह नहीं बच रही है आर सड़कों के संकरा होने से लोगों का सड़क पर चलना दूभर हो गया है और लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है।
–मामले को देखवाता हूं–(डॉ. रवि मित्तल, कलेक्टर, जशपुर)