जीवन से हार चुके कई आम से ख़ास शख्सियतों को नया जीवन दिया डॉक्टर नेहा बत्रा ने

भिलाई। चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर नेहा बत्रा वह शख्स है जो किसी नाम की मोहताज नहीं बल्कि अपनी चिकित्सकीय सेवा के लिए जानी जाती है। ये जीवन से हार चुके कई आम से ख़ास शख्सियतों को नया जीवन दिया है। रायपुर मेडिकल कालेज से फिजियोथेरेपी में स्नातक के साथ डायटीशियन की कोर्स की डॉक्टर नेहा बत्रा इन दिनों रामनगर स्थित अपने क्लिनिक में 10 सालों से प्रेक्टिस करते हुए मरीजों को फिजियोथेरेपी की सेवा दे रही हैं। न्यूरो मस्क्युलर टेक्निक में फैलोशिप प्राप्त डॉक्टर बत्रा इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी की दुर्ग डिस्ट्रिक्ट सब कॉर्डिनेटर भी हैं। दैनिक आज की जनधारा ने डॉक्टर नेहा बत्रा से इंटरव्यू लिया जिसमें उन्होंने आम लोगों के जीवन से जुड़ी फिजियोथेरेपी चिकित्सा के बारे में कई अहम जानकारियां सांझा कीं। उन्होंने इस पेशा को चुनने को लेकर कहा कि कई बार ऐसे होता है कि मरीज कई जगहों से ट्रीटमेंट और पेनकिलर लेने के बाद कुछ देर के लिए ठीक तो हो जाता है लेकिन बाद में स्थिति जस-की-तस रहती है। लेकिन फिजियोथेरेपी लेने के बाद मरीज को नार्मल जीवन जीते देखी तो चिकित्सा के किसी दूसरे क्षेत्र का चयन न कर वह फिजियोथेरेपी को ही चुनना बेहतर समझी।फिजियोथेरेपी लेने के बाद जब मरीज सुखी और सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं तो उसे बेहद खुशी की अनुभूति होती है।
डॉक्टर बत्रा ने बताया कि फिजियोथेरेपी मांसपेशियों और जोड़ों से सम्बंधित रोगों के समाधान का स्थाई उपाय है। ये थेरेपी चोट, बीमारी या विकलांगता से प्रभावित लोगों की गतिविधि और कार्यप्रणाली को बहाल करने में मदद करती है। इससे शरीर की जकड़न और दर्द से आराम मिलता है। साथ ही, इस थेरेपी से न्यूरॉन्स, उपास्थि, मांसपेशियों और जोड़ों को ऊर्जा मिलती है। यदि मरीज शारीरिक दर्द का अनुभव कर रहे हों, मांसपेशियों व जोड़ों से सम्बंधित रोगों से परेशान हों और दर्द के कारण आपके दैनिक कामकाज प्रभावित हो रहे हैं तो ऐसे में फिजियो थेरेपिस्ट से मिलना पहली पसन्द होनी चाहिए।
उन्होंने थेरेपी से होने वाले साइड इफ़ेक्ट के बारे में पूछने पर बताया कि आमतौर पर फिजियोथेरेपी से कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते। कई बार ऐसा देखा गया है कि फिजियोथेरेपी लेने के बाद मांसपेशियों में थकान महसूस होता है। आगे आपको मांसपेशियों को टोन करना है और ताकत वापस पाना है तो यह बहुत ही सामान्य है। तो ऐसे में मरीज आराम करें, सही मात्रा में पानी पीएं और उचित पोषण आहार लेंवे जिससे मांसपेशियों की जल्द रिकवरी होगी। डॉक्टर बत्रा ने लोगों के जीवन में आ रहे बदलाव को लेकर कहा कि आज लोगों की लाइफ स्टाइल बदल गई है जो शारीरिक काम न कर सुबह से देर रात तक मानसिक दबाव में रहते हैं। इन सब कारणों से फिजियोथेरेपी के मरीज काफी बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, उन्होंने बताया कि घर-परिवार सम्भालने के साथ फिजियोथेरेपी चिकित्सा करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन जीवन में अपने मंजिल को पाने का लक्ष्य और उद्देश्य बड़े हों तो सफलता के द्वार ख़ुद-ब-ख़ुद खुल जाते हैं।