डोंगरगढ़। नवरात्रि पर्व के दौरान मां बम्लेश्वरी मंदिर में परंपरागत पंचमी भेंट को लेकर छिड़ा विवाद अब तेज हो गया है। गोंड समाज ने तहसील मुख्यालय में बैठक आयोजित कर सख्त चेतावनी जारी की कि यदि पुरानी परंपरा में कोई बाधा डाली गई या राजकुमार भवानी बहादुर सिंह अथवा समाज के किसी सदस्य पर कार्रवाई हुई, तो वे सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेंगे। गोंड महासभा के संचालक रमेश उईके ने स्पष्ट किया कि 26 सितंबर को संपन्न पंचमी भेंट पूरी तरह शांतिपूर्ण रही। समाज द्वारा जबरन पूजा कराने या गर्भगृह की मर्यादा भंग करने की अफवाहें बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि समाज पुरानी रीति-रिवाजों का सम्मान करता है और कभी किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा नहीं रखता, लेकिन मंदिर ट्रस्ट व प्रशासन जानबूझकर इसे तूल दे रहे हैं।
मंदिर प्रबंधन में उपेक्षा का आरोप: समाज अध्यक्ष संतोष पड़ौती
बैठक में गोंड समाज ने मंदिर प्रबंधन पर समाज की अनदेखी का आरोप लगाया। उनका तर्क है कि मंदिर का संचालन जिस ट्रस्ट से होता है, उसकी स्थापना राजा विरेंद्र बहादुर सिंह ने की थी, फिर भी आज परिवार व समाज को इससे दूर रखा जा रहा है। खैरागढ़ रियासत काल में यह मंदिर राजपरिवार की कुलदेवी का रूप था। इस बार राजकुमार भवानी बहादुर सिंह गोंड समाज के साथ पूजा में शामिल हुए थे। समाज अध्यक्ष संतोष पड़ौती ने जोर देकर कहा कि राजा द्वारा कुलदेवी की आराधना कोई अपराध नहीं, लेकिन हर वर्ष यही इल्जाम लगाया जाता है कि समाज जबरदस्ती करता है। इस भ्रम को दूर करने की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन पर है।
विवाद समाप्ति के लिए प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग
समाज की मुख्य मांग है कि प्रशासन तुरंत ट्रस्ट व समाज के बीच मध्यस्थता करे, ताकि प्रतिवर्ष उठने वाला यह विवाद हमेशा के लिए खत्म हो सके। दूसरी ओर, मंदिर ट्रस्ट ने राजकुमार व गोंड समाज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। एसडीओपी आशीष कुंजाम ने बताया कि मामले की गहन जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई सुनिश्चित होगी। आस्था व परंपरा के बीच फंसा यह विवाद अब प्रशासनिक स्तर पर पहुंच चुका है। यदि शीघ्र समाधान न निकला, तो डोंगरगढ़ में नवरात्रि की भक्ति पर राजनीति व आंदोलन का साया और गहरा सकता है।