हिंदू धर्म में तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। सूखने पर भी तुलसी का पौधा अत्यंत शुभ फलदायी होता है। इसके तीन अंग लकड़ी, जड़ और मंजरी विशेष रूप से उपयोगी हैं। शास्त्रों के अनुसार इनका विधिपूर्वक उपयोग घर से नकारात्मकता दूर कर सुख-समृद्धि लाता है।
तुलसी की लकड़ी
सूखे पौधे से सात छोटी लकड़ियां निकालें। इन्हें सूत में बांधकर शुद्ध घी में डुबोकर रखें। किसी एकादशी को भगवान विष्णु के समक्ष स्वाहा करें तथा सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
वैकल्पिक रूप से इन लकड़ियों को सूत में बांधकर घर के मंदिर में स्थापित करें। प्रतिसप्ताह इनसे गंगाजल छिड़काव करें। घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होगी।
तुलसी की जड़
सूखे पौधे की जड़ को तने से अलग करें। भगवान विष्णु के समक्ष रखकर लाल या पीले कपड़े में बांधें। इसे मुख्य द्वार की चौखट पर लटकाएं। इसके पश्चात किसी गरीब को चावल, वस्त्र, दही, मिश्री या दूध दान करें। मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और दरिद्रता दूर होगी।
तुलसी की मंजरी
पौधे पर मंजरी आने पर उसे तोड़कर पौधे का भार कम करें। मंजरी को लाल या पीले कपड़े में लपेटकर विष्णु मंत्र जपते हुए भगवान को अर्पित करें। इस पोटली को तिजोरी या धन स्थान पर रखें। घर में धन की कभी कमी नहीं होगी।
इन उपायों से सूखी तुलसी भी घर को स्वर्ग समान बना सकती है।